यह घटना आज की नहीं बल्कि आजादी के 44 साल बाद की है। जब पति के मरने के बाद एक 18 साल की लड़की को सती कर दिया गया था। पहले के समय में जब कसी युवती का पति मर जाता था तो पत्नी को भी उसके साथ सती होना पड़ता था। ऐसा ही कुछ राजस्थान के सीकर जिले के दिवराला गांव करीब 32 साल पहले हुआ था। जहां रूप कंवर को झूठी शान और मान की वजह से सती कर दिया गया था। हालांकि अब इस रूप कंवर सती प्रकरण में मंगलवार को होने वाली सुनवाई टल गई है।
जयपुर की सती निवारण कोर्ट आज अपना फैसला सुनाने वाली थी, लेकिन इस पर सुनवाई टल गई है। जज पुरुषोत्तम लाल सैनी इस मामले से जुड़े 8 आरोपियों को लेकर फैसला सुनाने वाले थे। लेकिन अब सुनवाई टल जाने से फैसला आज नहीं आएगा। जबकि इस मामले में 25 लोग पहले बरी हो चुके हैं और कुछ लोगों की ट्रायल के दौरान मौत हो चुकी है।
बता दें जयपुर जिले की रूप कंवर की दिवराला निवासी माल सिंह शेखावत के साथ 1987 में शादी हुई थी। शादी के 7 महीने बाद गंभीर बीमारी की वजह से रूप कुंवर के पति माल सिंह की मौत हो गई थी। बताया जाता है कि पति के निधन के बाद रूप कंवर ने सती होने की इच्छा जताई। लेकिन पुलिस जांच में यह बात सही नहीं बताई जा रही है। उसके बाद 4 सितंबर, 1987 को रूप कंवर पति के साथ सती हो गई थी। इस घटना के बाद स्थानीय लोगों ने रूप कंवर को सती मां का दर्जा दिया और वहां मंदिर बना दिया।
जानकारी के मुताबिक मायके वालों को रूप कुंवर के सती होने की खबर बाद में दी गई थी। मामला सार्वजनिक होने के बाद उस समय इस पर प्रदेशभर में काफी बवाल मचा था। राष्ट्रीय स्तर पर यह मुद्दा गरमाया था। तत्कालीन मुख्यमंत्री हरिदेव जोशी के निर्देश पर पुलिस ने जांच करते हुए 45 लोगों को इस मामले में आरोपी बनाया था। उन सभी पर आरोप था कि वो घटना के समय वहां मौजूद थे और उन्होंने सती माता के जयकारे भी लगाए थे।
सबूत न मिलने की वजह से इस केस में 25 लोग रिहा हो चुके हैं। हालांकि और सभी आरोपी जमानत पर जेल से बाहर हैं। वहीं इनमें से 8 आरोपियों को लेकर आज अदालत अपना फैसला सुनाने वाली थी।