नई दिल्ली: कोरोनो वायरस महामारी ने दुनिया भर के देशों को प्रभावित किया है, लेकिन इस महामारी ने दुनिया भर में फैले गरीब समाज के लोगों को प्रमुख रूप से प्रभावित किया है.
वियोन की रिपोर्ट मुताबिक, खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) और विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, यमन और दक्षिण सूडान के क्षेत्रों में काफी संख्या में परिवार ऐसे हैं जो भुखमरी का सामना कर रहे हैं.
इतना ही, संयुक्त राष्ट्र (यूएन) ने चेतावनी दी है कि 20 से अधिक देशों में 30 मिलियन से अधिक लोग तीव्र भूख के कारण मरने से महज एक कदम दूर हैं. यूएन की एक रिपोर्ट में साफ-साफ कहा गया है कि इन 20 से अधिक देशों भुखमरी की वजह से हालात आने वाले कुछ माह में गंभीर हो सकते हैं. भूख की समस्या से सर्वाधिक यहां की गर्भवती महिलाएं व गरीब बच्चें प्रभावित होंगे.
रिपोर्ट में इस बात का जिक्र है कि यमन, दक्षिण सूडान और उत्तरी नाइजीरिया सूची में शीर्ष पर हैं. इन क्षेत्रों में महामारी से पहले भी करोड़ों परिवार ऐसे थे जो भूख की आपातकालीन परिस्थितियों से जूझ रहे थे. महामारी के बाद इनकी स्थिति और अधिक गंभीर हुई है.
भूख की यह भयावहता खतरनाक है. एफएओ के महानिदेशक क्यू डोंगयु ने कहा है कि यह समय अब हम सभी को मिलकर कार्रवाई करने और भूखे लोगों के जीवन को बचाने का है. आजीविका की सुरक्षा और सबसे खराब स्थिति को आने से रोकने के लिए समय रहते ही तेजी से कार्य करने की जरूरत है.
भुखमरी की ऐसी स्थिति अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बीते कुछ समय में होने वाले संघर्ष, जलवायु परिवर्तन और कोरोना वायरस महामारी की वजह से आई है. इन सभी वजहों से ही अंतरराष्ट्रीय सरकारों और संगठनों ने तीसरी दुनिया के देशों में भूख से प्रभावित लोगों के लिए मदद के तौर पर दिए जाने वाले धन को भेजना बंद कर दिया है. इससे लाखों की संख्या में लोग प्रभावित हुए हैं.
एफएओ के महानिदेशक क्यू डोंगयु ने कहा है कि कई क्षेत्रों में अब फसल बोने का समय शुरू होने वाला है. हमें अब क्षेत्रीय खाद्य उत्पादन को बढ़ाने के लिए अभी के समय में सही फैसला लेना चाहिए. इस विकट परिस्थिति को हराने के लिए हमें मिलकर प्रयास करने की जरूरत है. बता दें कि भुखमरी के हॉटस्पॉट वाले देश ज्यादातर अफ्रीका में है. हालांकि, अफगानिस्तान, सीरिया, लेबनान, हैती और कैरेबियन जैसे क्षेत्रों में भी दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति की चेतावनी दी गई है.