रांचीः झारखंड के एक शख्सप ने फर्जी नाम और पते के आधार पर आर्मी की नौकरी हासिल कर ली. नौकरी करने के दौरान ही यह मामला खुल गया और प्राथमिकी दर्ज हो गई. इसे ढूंढने में पुलिस को अब तक कामयाबी नहीं मिल सकी है. जालसाजी व धोखाधड़ी कर सेना में सिपाही के पद पर तैनात आरोपित का गिरफ्तारी वारंट लेकर गुरुवार को झारखंड पुलिस दानापुर पहुंची. झारखंड के गुमला जिला अंर्तगत सिसई के थानाध्यक्ष अभिनव कुमार दानापुर पुलिस के साथ बीआरसी पहुंचे व सैन्य अधिकारी से मिलकर वारंट दिखाते हुए मामले की जानकारी दी. आरोपित कई महीनों से फरार चल रहा है.
थानाध्यक्ष अभिनव कुमार ने बताया कि सेनाधिकारी ने कुछ कागजात व जानकारी मांगी है. उसके बाद आगे की कार्रवाई की बात कही है. थानाध्यक्ष ने बताया कि तत्कालीन अंचलाधिकारी रंजीता टोप्पो द्वारा 16 जून, 2011 को झारखंड के सिसई थाना में मामला दर्ज कराया गया था.
फर्जीवाड़ा कर सेना में नौकरी कर रहे सिपाही का वारंट लेकर दानापुर पहुंची झारखंड पुलिस
गुमला जिला के पोटरो गांव का रहने वाला युवक फर्जी नाम-पता से सेना में हुआ था बहाल
सिसई थाना क्षेत्र के पोटरो निवासी मनीजर साहू के पुत्र रविंद्र साहू पर जालसाजी एवं धोखाधड़ी कर नौकरी करने का आरोप लगाया गया था. जांच में रविंद्र साहू द्वारा ज्योति भगत, पिता योगेंद्र भगत, साकिन भंडारटोली, थाना सिसई के नाम पर सेना में नौकरी करने की बात सामने आई. उन्होंने बताया कि इसको लेकर कई बार सेना को पत्र दिया गया. 2014 में सेना द्वारा जानकारी मिली कि ज्योति भगत बिहार रेजिमेंट के आरआर बटालियन में सिपाही पद पर कार्यरत है. धोखाधड़ी एवं जालसाजी कर नौकरी लेने के मामले में कुर्की की भी कार्रवाई की जा चुकी है. गिरफ्तारी वारंट न्यायालय द्वारा जारी किया गया है.