रांचीः राज्य सरकार ने केंद्र से राज्य के मदरसों में कार्यरत शिक्षकों के मानदेय के लिए 5.66 करोड़ रुपये की मांग की है. यह राशि सेंट्रल स्पांसर्ड स्कीम फॉर प्रोवाइडिंग क्वालिटी एजुकेशन इन मदरसा (एसपीक्यूईएम) के तहत वर्ष 2015-16 तथा 2016-17 के लिए है, जो केंद्र से अभी तक नहीं मिली है. दरअसल, एसपीक्यूईएम योजना के तहत केंद्र सरकार मदरसा के शिक्षकों के मानदेय के लिए अनुदान के रूप में राशि देती है.
इस योजना के तहत मदरसों में औपचारिक पाठ्यक्रम के विषयों जैसे विज्ञान, गणित, भाषा, सामाजिक विज्ञान आदि में पठन-पाठन को बढ़ावा देने के लिए नियुक्त पूर्णकालिक शिक्षकों को मानदेय दिए जाते हैं. पूर्णकालिक स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक को प्रतिमाह छह हजार तथा स्नातकोत्तर प्रशिक्षित शिक्षक को बारह हजार रुपये दिए जाते हैं. वित्तीय वर्ष 2014-15 में योजना के पुनर्गठित किए जाने के बाद केंद्र से राज्य को राशि प्राप्त नहीं हुई है, जिसे मदरसा शिक्षकों के मानदेय का भुगतान नहीं हो रहा है.
बिरसा कृषि विवि की ओर से आइसीएआर के फार्मर्स फर्स्टक प्रोग्राम के तहत रांची के नगड़ी प्रखंड के चिपड़ा व कुदलोंग गांव में दो दिवसीय पशु चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया. शिविर में 100 किसानों को पशु प्रबंधन एवं उनके बेहतर स्वास्थ्य से सबंधित जानकारी दी गई. मुख्य परियोजना अन्वेषक डाॅ. निभा बाड़ा एवं परियोजना उप अन्वेषक डाॅ. रवीन्द्र कुमार ने किसानों को पशुओं के प्राथमिक रोग एवं परजीवी रोग, चिकित्सा जांच की आवश्यकता, टीकाकरण का महत्व एवं कृमि नाशक दवा के प्रयोग विषय पर जानकारी दी. शिविर में वेटरनरी काॅलेज के छात्र नरेश कुमार, विकास कुमार, आनंद कुमार एवं सरफराज आलम आदि रहे.