दिल्ली: रूस ने पिछले साल अगस्त महीने में दुनिया में सबसे पहले कोरोना की वैक्सीन लॉन्च कर सबको चौंका दिया था और अब एक बार फिर उसने कुछ इसी तरह का काम किया है.
दरअसल, रूस ने जानवरों के लिए भी कोरोना की वैक्सीन बना ली है. इसे कोरोना वायरस के खिलाफ पशुओं के लिए दुनिया की पहली वैक्सीन के रूप में दर्ज कराया गया है. कृषि सुरक्षा की देखभाल करनेवाली संस्था ने यह दावा किया है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रूस में कृषि से संबंधित संगठन रोसेलखोजनाड्जोर के सलाहकार यूलिया मेलानो ने कहा कि वैक्सीन पहले से ही उपलब्ध है, इसे खरीदने के लिए ऑर्डर दिए जा सकते हैं.
जानवरों की इस कोरोना वैक्सीन का नाम कार्निवैक-कोव रखा गया है. रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, जानवरों की इस कोरोना वैक्सीन का विकास रोसेलखोजनाड्जोर की एक यूनिट ने किया है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, कृषि संगठन रोसेलखोजनाड्जोर ने बताया कि इस वैक्सीन की इम्यूनिटी यानी प्रतिरोधक क्षमता छह महीने तक रहती है. ऊदबिलाव, लोमड़ी, बिल्ली और कुत्ते पर इस वैक्सीन का परीक्षण किया गया है और इस दौरान पाया गया है कि इसने कोरोना वायरस के खिलाफ उन जानवरों के शरीर में एंटीबॉडीज पैदा किया. इस वैक्सीन का परीक्षण पिछले साल अक्तूबर में शुरू हुआ था. हालांकि वैक्सीन निर्माता फिलहाल इसका विश्लेषण कर रहे हैं.
रोसेलखोजनाड्जोर ने बताया कि जानवरों की इस पहली कोरोना वैक्सीन का बड़े पैमाने पर उत्पादन अगले महीने तक शुरू हो सकता है. रूस के वैज्ञानिकों का दावा है कि यह वैक्सीन कोरोना वायरस में आनेवाले बदलाव को भी रोक सकता है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक नई रिपोर्ट में यह कहा गया है कि कोविड-19 शायद जानवरों के माध्यम से इंसानों में फैला है. दरअसल, चीन पर बहुत पहले से यह आरोप लगते आ रहे हैं कि वुहान में स्थित उसकी लैब से ही कोरोना वायरस फैला है, लेकिन संगठन द्वारा किए गए एक अध्ययन में यह दावा किया गया है कि कोरोना वुहान लैब से नहीं फैला है, बल्कि यह किसी जानवर से इंसान तक पहुंचा है.