दिल्ली: दो दशक से लंबित पेंशन समीक्षा की मांग को लेकर नाबार्ड के कर्मचारियों और रिटायर्ड अधिकारियों ने हड़ताल की. नाबार्ड के मौजूदा कर्मचारी और सेवानिवृत्त ने यूनाइटेड फोरम ऑफ ऑफिसर्स, एम्लॉइज एंड रिटायर ऑफ नाबार्ड के बैनर तले मंगलवार को हड़ताल की.
बता दें राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक एक शीर्ष कृषि वित्त संस्थान है. इसकी स्थापना 12 जुलाई 1982 को हुई थी और मुख्यालय मुंबई, महाराष्ट्र में है. नाबार्ड के कर्मचारियों के पेंशन की समीक्षा साल 2001 से पेंडिंग है.
आरबीआई के कर्मचारियों और अफसरों के लिए 2012 में पेंशन को संशोधित किया जा चुका है. लेकिन वित्तमंत्रालय ने नाबार्ड को लेकर अबतक कोई निर्णय नहीं लिया है. राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक के अध्यक्षों और प्रबंध निदेशकों ने पत्र भी लिखे, लेकिन मामले पर कोई एक्शन नहीं लिया गया.
फोरम ने एक बयान में कहा है कि उनकी मांगों में 20 वर्ष की सेवा के बाद पूरी पेंशन, अंतिम सैलरी या पिछले दस सालों में मिले औसतन वेतन में जो सबसे अधिक हो, उसे आधार पर सैलरी का कैलकुलेशन और पेंशन में वृद्धि शामिल हैं.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुजुर्ग और गरीब लोक कलाकारों को बड़ी सौगात दी है. सीएम योगी के प्रयासों से प्रदेश के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि केंद्र सरकार की ओर से 65 कलाकारों को न सिर्फ हर महीने चार हजार रुपए पेंशन, बल्कि उन्हें और उनके आश्रितों को एक करोड़ रुपये का स्वास्थ्य बीमा कवर भी स्वीकृत किया गया है.
इतना ही नहीं, इस साल के अंत तक प्रदेश में ऐसे दो हजार और कलाकारों को पेंशन और बीमा का लाभ दिया जाएगा. संस्कृति विभाग की ओर से ‘वृद्ध और विपन्न कलाकारों को मासिक पेंशन योजना’ के तहत हर माह दो हजार रुपए पेंशन दिया जा रहा है.
संस्कृति विभाग के निदेशक शिशिर का कहना है कि प्रदेश में अभी तक 376 वृद्ध और विपन्न कलाकारों को संस्कृति विभाग की ओर से पेंशन दी जा रही है. केंद्र सरकार की मदद से इस वर्ष इसे और बढ़ाकर ऐसे दो हजार कलाकारों को चार हजार रुपये प्रति माह पेंशन और एक करोड़ रुपये का स्वास्थ्य बीमा का कवर देंगे.
केंद्र सरकार ने प्रदेश के 65 बुजुर्ग और विपन्न कलाकारों को पेंशन और परिवार सहित एक करोड़ तक का स्वास्थ्य बीमा दिया है. संस्कृति मंत्रालय की ओर से ‘स्कीम फॉर पेंशन एंड मेडिकल एड टू आर्टिस्ट’ में ऐसे बुजुर्ग कलाकारों को पेंशन दिया जा रहा है, जिन्होंने कला और साहित्य के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, लेकिन वृद्धावस्था के कारण कठिनाई और गरीबी में जीवन यापन करना पड़ रहा है.