चीन : चीन में टीकाकरण तेज रफ्तार के साथ आगे बढ़ रहा है. यहां सरकार का उद्देश्य अमेरिका से दोगुनी तेजी से इस प्रक्रिया को बढ़ाना है. इसी कड़ी में अब बैंक कर्मियों और कॉलेज के स्टाफ को वैक्सीन लगाई जाएगी हाल के हफ्ते में इस ओर कई प्रयास भी किए गए हैं. जहां साल के शुरुआत में प्रतिदिन वैक्सीन की पांच लाख डोज लोगों को लगाई जा रही थीं, वहीं अब औसतन 50 लाख डोज लगाई जा रही हैं.
ब्लूमबर्ग के वैक्सीन ट्रैकर के अनुसार, चीन में प्रति 100 लोगों पर वैक्सीन की 5 डोज लगाई जा रही हैं. ये आंकड़ा अमेरिका में 25 है और इजरायल में 56 है. हालांकि चीन को एक परेशानी का सामना भी करना पड़ रहा है. यहां कोविड-19 प्रभावित इलाकों में भी लोग वैक्सीन को लेकर उतनी उत्सुकता नहीं दिखा रहे हैं, जितनी उन्हें दिखानी चाहिए चीन का मकसद अपने प्रतिद्विदी देशों जैसे अमेरिका के मुकाबले पहले हर्ड इम्युनिटी हासिल करके सामान्य स्थिति पर लौटना है.
वायरस रोकने की कोशिश में चीन
इस मामले में न्यूजर्सी के सेटन हॉल यूनिवर्सिटी में ग्लोबल हेल्थ स्टडीज सेंटर के निदेशक यानझोंग हुआंग कहते हैं, ‘अगर विकसित देश एक दूसरे के लिए खुल रहे हैं, तो ये चीन की कोविड प्रक्रिया की सफलता को चुनौती देगा, जो अभी भी वायरस को रोकने की कोशिश कर रहा है. हालांकि चीन के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल ने इस महीने की शुरुआत में टीकाकरण का उद्देश्य रखा है कि जून के आखिर तक कम से कम 56 करोड़ लोगों यानी देश की 40 फीसदी आबादी को वैक्सीन लगाई जानी चाहिए.
46 करोड़ डोज की जरूरत
इसका मतलब ये हुआ कि चीन को आने वाले तीन महीनों में 46 करोड़ डोज की जरूरत पड़ेगी. ये उस आंकड़े का दोगुना से भी अधिक है, जिसकी घोषणा इसी समयावधि के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने की थी जहां अमेरिका में वैक्सीन की डोज लेने के बाद लोगों को डोनट्स दिए जा रहे हैं, तो वहीं चीन मुफ्त कूपन से लेकर अन्य सामान तक दे रहा है. राजधानी बीजिंग में ही लगे एक पोस्टर पर लिखा था कि 60 साल से अधिक उम्र के लोगों को वैक्सीन लगवाने के बाद अंडों की टोकरी मिलेगी.