डाकुवा, परगणैत, पराजिक, जोगमांझी, कुड़ाम, नायकी, गोड़ैत, मूल रैयत, पड़हा राजा, ग्रामसभा का प्रधान, घटवाल औऱ तावेदारों के खाली पदों की पहचान कर होगी नियुक्ति
राज्य के अनुसूचित ग्रामों में परंपरागत जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रहे मानकी, मुंडा और प्रधान समेत अन्य को सरकार दे रही है सम्मान राशि
रांची: राज्य सरकार ने अनुसूचित क्षेत्रों में मानकी, मुंडा, ग्राम प्रधान और उन्हीं की तर्ज पर काम कर रहे डाकुवा, परगणैत, पराजिक, जोगमांझी, कुड़ाम, नायकी, गोड़ैत, मूल रैयत, पड़हा राजा, ग्रामसभा का प्रधान, घटवाल औऱ तावेदार को सम्मान राशि उपलब्ध करा रही है।
इन श्रेणियों में जो पद रिक्त रह गए थे, उन्हें भरा जाएगा और उन्हें सम्मान राशि उपलब्ध कराई जाएगी। ये बातें सचिव राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग, श्री के. के. सोनी ने आज सूचना भवन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कही।
श्री सोन ने कहा कि इस सिलसिले में उनकी पहचान कर सूची तैयार करने हेतु के सभी जिलों के उपायुक्तों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
मानकी, मुंडा, ग्राम प्रधान के पदों को भरने, उन्हें सम्मान राशि उपलब्ध कराने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है
श्री सोन ने बताया कि जिन ग्रामों में मानकी, मुंडा और ग्राम प्रधान का पद रिक्त हो वहां संबंधित मुखिया से सत्यापित कराकर उनकी सूची तैयार की जाएगी, जबकि अन्य श्रेणी के लोगों को मानकी मुंडा, ग्राम प्रधान चिन्हित कर सूची तैयार करेंगे।
श्री सोन ने बताया कि छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम-1908 और संथाल परगना काश्तकारी अधिनियम-1949 के प्रावधानों के अंतर्गत संथाल परगना और कोल्हान के अनुसूचित ग्रामों में मानकी, मुंडा और ग्राम प्रधान के सभी पदों को भरने और उन्हें सम्मान राशि उपलब्ध कराने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है।
श्री सोन ने कहा कि मानकी को हर माह 3000 रुपये, मुंडा और ग्राम प्रधान को 2000 रुपये और डाकुआ को 1000 रुपये प्रतिमाह सम्मान राशि दी जा रही है।
मानकी, मुंडा और प्रधान करेंगे लगान और सेस वसूली
श्री सोन ने बताया कि संथाल परगना और कोल्हान के उन गांवों में जहां मानकी मुंडा, ग्राम व प्रधान अपनी परंपरागत जिम्मेदारियों का निर्वहन करते आ रहे हैं।
इनकी भूमिका को ध्यान में रखते हुए इनसे संबंधित अनुसूचित अंचलों में लगान और सेस की वसूली इनके द्वारा की जाएगी। इनके द्वारा वसूल की गई राशि सरकार के खाते में जमा किया जाएगा। मानकी, मुंडा और प्रधान ऑफलाइन सिस्टम के तहत लगान व सेस वसूली करना जारी रखेंगे।