मिस्र में पुरातत्वविदों ने गुरुवार को ऐलान किया कि उन्होंने दक्षिणी राज्य लग्जर में करीब 3000 साल पुराने एक स्वर्ण नगरी को खोज निकाला है. पुरातत्वविदों के अनुसार इस शहर का नाम एटन है जिसे एमेनोटेप iii ने बसाया था. कहा यह भी जा रहा है कि यह तूतनखामेन के मकबरे के बाद सबसे बड़ी खोज है.
एटन शहर की खोज के दौरान पुरातत्वविदों को कई ऐसी चीजें मिली जो शहर के काफी समृद्ध होने को दावा करती है. पुरातत्वविदों को खोज में भोजन को रखने के लिए ओवन, मिट्टी के सुंदर बर्तन, बेकरी और एक काफी बड़ा रसोईघर मिला. इसके अलावा विशेषज्ञों को घर की सुरक्षा करने की दृष्टि से बनाया गया एक दीवार भी मिला जिसके ऊपर कंटीली तारें बिछी हुई थी.
साथ ही खोज में अंगूठियां, रंगीन बर्तन, ताबीज और एमेनटॉप iii की मोहर लगी मिट्टी की ईंटें भी मिली हैं.
इसके अलावा शहर को खोजने वाली टीम को कई औद्योगिक उपकरण भी मिले जिसमें कताई और बुनाई करने वाले औजार भी शामिल हैं. साथ ही शहर के दूसरे हिस्से में एक व्यक्ति के अवशेष मिले जिसकी बाहें फैली हुई थी और उसके घुटनों के चारों और रस्सी बंधी हुई थी. इसके अलावा एक बड़ा कब्रिस्तान भी शहर के दूसरे हिस्से में मिला है.
इस सोने के शहर को खोजने के लिए बनी कमिटी की सदस्य और जॉन्स हॉपकिंस विश्वविद्यालय की प्रोफेसर बेट्सी ब्रायन ने इस महत्वपूर्ण खोज पर कहा कि तूतनखामेन के मकबरे के बाद यह दूसरी सबसे महत्वपूर्ण पुरातात्विक खोज है. साथ ही बेट्सी ने कहा कि खोज के दौरान हमें प्राचीन मिस्र के नागरिकों के जीवन की एक दुर्लभ झलक देखने को मिली जो काफी समृद्ध और धनी थी.
पुरातत्वविदों की कमिटी ने पिछले साल सितंबर में इस शहर की खोज शुरू की थी. लग्जर के पास रामसेस iii और एमेनटॉप iii के मंदिरों के बीच में इस खोज की गई. कुछ ही हफ्तों में कमिटी को सभी जगहों पर मिट्टी की ईंटों से बनी आकृतियां मिलने लगीं थी. जबकि इस खोज का असली मकसद तूतनखामेन के शवगृह को खोजना था.
इस पुराने शहर की खोज के बाद मिस्त्र सरकार की उम्मीदें बढ़ गई है. मिस्र की सरकार को उम्मीद है कि इस स्वर्ण नगरी की खोज के बाद देश के महत्वपूर्ण पर्यटन उद्योग को बल मिलेगा. जो हाल के वर्षों में कोरोनोवायरस महामारी, आतंकवादी हमलों और राजनीतिक अस्थिरता से प्रभावित हो गए थे.