नई दिल्ली: देश में एक ओर कोरोना का कहर जारी है. वहीं दूसरी ओर पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव के चलते प्रचार भी जारी है. ऐसे में भीड़ इकट्ठा होने से संक्रमण के और बढ़ने का खतरा बना हुआ है. इसकी गंभीरता को समझते हुए चुनाव आयोग ने शुक्रवार को कार्रवाई करने का फैसला किया है.
आयोग ने चेतावनी दी है कि अभियानों के दौरान कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करने में ढिलाई को गंभीरता से लेना होगा, सभी राजनीतिक दलों को चेतावनी दी कि अगर पश्चिम बंगाल में चुनाव के शेष चरणों के दौरान सावधानियों का पालन नहीं किया गया तो वह रैलियों और बैठकों पर प्रतिबंध लगाने में संकोच नहीं करेंगे.
सभी मान्यता प्राप्त राज्य और राष्ट्रीय राजनीतिक दलों को लिखे गए अपने पत्र में आयोग ने महामारी के बीच चुनावी रैलियों पर अपने दिशानिर्देशों को दोहराया. चुनाव निकाय ने उम्मीदवारों और स्टार प्रचारकों के मुखौटे न पहनने और उनकी रैलियों में सभाओं को खुलेआम सामाजिक भेद के मानदंडों का हवाला दिया.
आयोग ने कहा, यह सलाह दी जाती है कि राजनीतिक नेता / उम्मीदवार जिनके पास कोविड-19 के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए अमानवीय कर्तव्य हैं, अपने व्यक्तिगत उदाहरणों को प्रदर्शित करते हैं और शुरुआत की रैली में सभी समर्थकों को नचाते हैं, बैठकें करते हैं और खुद को मास्क पहनने, सफाई करने वालों का उपयोग करने और भीड़ को नियंत्रित करने के लिए अभियान चलाते हैं. पत्र के अनुसार सामाजिक दूरियां मानदंड का पालन करना अनिवार्य है.