रांची: अरोग्य भवन-1, विकास भारती बिशुनपुर, बरियातु रांची में स्व॰ बन्दी उरांव को भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई. कार्यक्रम की शुरूआत जनजातीय शोध संस्थान के निदेशक डॉ॰ प्रदीप मुण्डा ने की. उन्होंने स्व॰ बन्दी उरांव जी की उपलब्धियों को गिनाते हुये कहा कि जनजातीय समाज के ऊपर बहुत बड़ा काम किया है. स्व॰ बंदी उरांव जी ने पेशा कानून देकर. इस कानून को कैसे पहुंचाया जाय. यह चिंतन का विषय है. स्व॰ बन्दी उरांव जी के साथ अपना अनुभव को साझा करते हुये. पदम्श्री अशोक भगत ने कहा कि बन्दी उरांव दलगत भावना से उठकर सदैव काम करते थे. पेशा कानून के माध्यम से आदिवासियों का उनका अधिकार दिलाया. समाज को इस बात का ख्याल रखना होगा कि कानून गलत हाथों में न जाय. कार्यक्रम में बोलते हुये डॉ॰ जलेशवर भगत ने कहा कि बंदी बाबा की देन पेशा कानून का सही से कानूनी विशलेषण करना होगा. आदिवासी अधिकार बड़े हैं जो बरकरार कैसे रहे, इस पर चिंतन आवश्यक है.
इस कार्यक्रम में इंदिरा गांधी कला केन्द्र के डॉ॰ संजय कुमार झा, डॉ॰ जलेशवर भगत, संदीप उरांव, मेघा उरांव, राजेन्द्र मुण्डा, सुनील तिग्गा सहित विकास भारती बिशुनपुर के कार्यकर्त्ता भारी संख्या में मौजूद थे.