रांची: हिन्दू संस्कृति में शादी-विवाह को सभी सोलह संस्कारों में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है. इसके साथ ही गृहस्थ जीवन की शुरुआत होती है. इस साल 14 अप्रैल, बुधवार को खरमास खत्म हो रहा है. इसके बाद शुभ मांगलिक कार्य जोरों पर शुरू हो जाएंगे. 25 अप्रैल से विवाह मुहूर्ताें की शुरुआत हो रही है.
देशभर में हिंदू सनातन धर्म में बेटे-बेटियों की शादी ढोल-नगाड़े और शहनाई की धुन पर होने लग जाएंगी. बीते साल 11 दिसंबर 2020 के बाद से शादी-विवाह का शुभ मुहूर्त नहीं बन पाया है.
ऐसे में कई परिवारों में लड़के-लड़कियां शादी तय होने के बावजूद अबतक एक-दूसरे की होने की राह देख रहे हैं. भारतीय सनातन परंपरा में शुभ विवाह मुहूर्त 25 अप्रैल 2021 से शुरू हो रहा है. इस दिन से मंदिर-मठों से लेकर धाम तक वैवाहिक गीतों से गूंज उठेंगे. घरों में शादी-विवाह को लेकर खास तैयारियां जोरों पर है.
इस साल विवाह मुहूर्ताें की शुरुआत 25 अप्रैल, दिन रविवार से हो रही है. शुभ लग्न मुहूर्त 19 जुलाई 2021 तक जारी रहेगा. इसके बाद शादी-विवाह पर फिर से विराम लग जाएगा. देवात्थान एकादशी के बाद एक बार फिर से वर्ष 2021 में आगे विवाह मुहूर्त बन पाएंगे. 15 नवंबर को देव प्रबोधिनी एकादशी के बाद नवंबर से दिसंबर महीने तक फिर विवाह मुहूर्त हैं.
फिलहाल खरमास चल रहा है, जो 14 अप्रैल 2021 को सूर्य के मेष राशि में प्रवेश करने के बाद समाप्त हो जाएगा. हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार खरमास में हर प्रकार के मांगलिक कार्य वर्जित रहते हैं. देवगुरु बृहस्पति मेष, सिंह और धनु राशियों से क्रमशः बारहवें, आठवें और चौथे स्थान में संचरण करेंगे. ऐसे में मेष, सिंह और धनु राशि के लिए ये विवाह मुहूर्त वर्जित रहेंगे.
अप्रैल 2021 में 25, 26, 27 और 30 तारीख तक कुल 10 शुभ विवाह, शुभ लग्न मुहूर्त बताए गए हैं. मई महीने में 2 से 30 मई के बीच 11 तिथियों को शुभ विवाह मुहूर्त में श्रेष्ठ माना गया है.14 मई को अक्षय तृतीया के दिन अबूझ मुहूर्त रहेगा. पुरानों के मुताबिक अक्षय तृतीया को किए गए कार्य का कभी क्षय नहीं होता. इस दिन विवाह करने का खास महत्व है. देशभर में बड़े वैवाहिक सम्मेलन, सामूहिक विवाह भी इसी तिथि को होते हैं.