-मुख्यमंत्री श्रमिक योजना का मिलने लगा है लाभ
-शहरी के साथ ग्रामीण श्रमिक भी उठा सकते है योजना का लाभ
रांचीःमुख्यमंत्री श्रमिक योजना का लाभ अब ग्रामीण इलाके के साथ- साथ शहरी इलाके में भी मिल रहा है. श्रमिकों के प्रति संजीदा मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन द्वारा कोरोना कालखण्ड में शहरों में निवास करने वाले अकुशल श्रमिकों के लिए यह योजना 14 अगस्त 2020 में शुरू की गई थी. राज्य के 51 नगर निकायों में निवास करने वाले गरीबों और श्रमिकों को इसका लाभ मिल रहा है. कोरोना संक्रमण के दौरान रोजगार का अभाव हो गया था. दिहाड़ी मजदूरों के लिए यह दौर विभीषिका के समान था. लाखों की संख्या में प्रवासी श्रमिक अपने घर लौटे थे. तब मुख्यमंत्री ने इस विकराल समस्या को देखते हुए मुख्यमंत्री श्रमिक योजना का शुभारंभ किया गया था. इस योजना से शहरी जनसंख्या के गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे करीब 31 प्रतिशत लोगों को लाभान्वित करने का लक्ष्य रखा गया है.
रोजगार की गारंटी, नहीं तो भत्ता
मुख्यमंत्री श्रमिक योजना से पांच लाख से अधिक शहरी गरीब परिवार लाभान्वित हो रहे हैं. इस योजना में रोजगार मिलने की गारंटी है. श्रमिक के निबंधन के साथ 15 दिन के अंदर रोजगार देना है. ऐसा नहीं होने की स्थिति में लाभुक को बेरोजगारी भत्ता दिया जाएगा. मुख्यमंत्री का उद्देश्य है कि कोई भी गरीब या मजदूर पैसे के अभाव में कष्ट ना सहे.
सुखद परिणाम आने लगे सामने
अब इस योजना के सुखद परिणाम भी सामने आने लगे हैं. योजना शुरू होने के आठ माह बाद 25 हजार 515 आवेदन श्रमिकों द्वारा प्राप्त हुए. 18 हजार 983 जॉब कार्ड श्रमिकों को दिए गए. 2797 श्रमिकों ने सरकार से काम मांगा और 2407 शहरी श्रमिकों को कार्य का आवंटन भी हुआ. सबसे अधिक 4779 धनबाद और रांची से 1882 आवेदन काम की मांग से संबंधित प्राप्त हुए हैं.कार्य की मांग करने वाले सभी श्रमिकों को अमृत योजना के तहत आधारभूत संरचना निर्माण, सड़क, नाली निर्माण, पौधारोपण, पार्क सौंदर्यीकरण, स्वच्छ भारत मिशन के तहत स्वच्छता कार्य, नदी तालाब सौंदर्यीकरण कार्य, प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के तहत भवन निर्माण कार्य, वर्षा जल संचयन, निर्माण कार्य एवं अन्य विभागों द्वारा विकास क्षेत्र में संचालित विभिन्न योजनाओं में कार्य उपलब्ध कराया जा रहा है.
श्रमिक भाई आगे आएं
यदि किसी शहरी अकुशल श्रमिक की आयु 18 वर्ष या उससे अधिक है, तो मुख्यमंत्री श्रमिक योजना के तहत वो निःशुल्क जॉब कार्ड, एक वित्तीय वर्ष में अधिकतम 100 दिनों की रोजगार गारंटी और काम की मांग के 15 दिनों के अन्दर अपने निकाय क्षेत्र में ही रोजगार प्राप्त कर सकते हैं. वैसे ग्रामीण श्रमिक जो मजदूरी करने शहर आते हैं एवं जिनका मनरेगा जॉब कार्ड नहीं है, वे भी इस योजना का लाभ ले सकते हैं. निःशुल्क जॉब कार्ड प्रज्ञा केंद्र, स्वंय के द्वारा ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से, सीआरपी दीदी या निकाय कार्यालय में लिखित आवेदन देकर प्राप्त किया जा सकता है.