नवरात्रि के नौ दिनों में मां के नौ रूपों की पूजा- अर्चना की जाती है. कल यानी 17 अप्रैल, 2021 को नवरात्रि का पांचवां दिन है. नवरात्रि के पांचवे दिन मां के पंचम स्वरूप माता स्कंदमाता की पूजा- अर्चना की जाती है.स्वामी कार्तिकेय की माता होने की वजह से इनका नाम स्कंदमाता पड़ा. देवी के इस रूप में मां दुर्गा की गोद में 6 मुख वाले बालक स्कंद शोभायमान हैं. मां के इस रूप में 4 भुजाएं हैं. इन्होंने अपनी दाएं तरफ की ऊपर वाली भुजा से स्कंद अर्थात कार्तिकेय को पकड़ा हुआ है और इसी तरफ वाली निचली भुजा के हाथ में कमल का फूल है. बाईं ओर की ऊपर वाली भुजा में वरदमुद्रा है और नीचे दूसरा श्वेत कमल का फूल है. शुभ्र वर्ण वाली मां कमल के पुष्प पर विराजमान हैं.
सुबह स्नान करके सबसे पहले स्वच्छ वस्त्र धारण करें.
लकड़ी की चौकी पर मां की प्रतिमा को स्थापित करके अक्षत की छोटी सी ढेरी लगाकर उस पर कलश रखें.
मां की तस्वीर पर फूलमाला चढ़ाएं और पुष्प अर्पित करें. इसके साथ ही स्कंदमाता की आरती करें और मां को भोग अर्पित करें.
मां की कथा सुनें और धूप, दीप और नैवेद्य अर्पित करें. स्कंदमाता के भोग में केला जरूर रखना चाहिए और इसके साथ ही प्रसाद के रूप में केसर वाली खीर जरूर रखें.
स्कंदमाता की पूजा करने के बाद छोटे बच्चों को उपहार में पढ़ाई की सामग्री देनी चाहिए.
इस मंत्र का जप करें….
सिंहासनगता नित्यं पद्माश्रितकरद्वया.
शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी..