पटना : बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि एक वर्ष तक कोरोना प्रबंधन करने और 10 हजार करोड़ रुपए कोरोना के नाम पर फूंकने के बाद भी बिहार में हालात सुधरने की बजाय बिगड़ गए है. इतनी लूट के बावजूद भी येन केन प्रकारेण सत्ता में बरकरार रहे मुख्यमंत्री और अधिक अहंकारी व असंवेदनशील हो गए है. सिस्टम में कहीं कोई सुनने वाला नहीं??
विपक्ष का मजाक बनाने और विगत एक वर्ष में ग्राउंड ज़ीरो से प्राप्त सकारात्मक जनकल्याणकारी सुझावों को दरकिनार करने से मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री को क्या लाभ हुआ? क्या मरते राज्यवासियों, रोते-बिलखते परिजनों और दर-दर की ठोकर खा रहे गरीबों का दुःख-दर्द देख उनकी रूह नहीं कांपती?
विगत वर्ष भी आंकड़ों में भारी धांधली हुई. लगातार एक वर्ष से सबूत सहित सरकार को जगाता रहा हूं. सड़क पर सरकार का विरोध करने उतरा तो महामारी एक्ट के तहत मेरे ऊपर ही अनेक केस दर्ज कर दिए गए.
असंख्यक जलती चिता देख भी इन्हें कहीं कोई चिंता नहीं. बस इन्हें कुर्सी प्यारी है कुर्सी.