रांची:- कोविड के बढ़ते प्रसार के साथ ही राज्य में चिकित्सकीय सुविधा के अभाव को देखते हुए झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स ने सभी सभी सदस्य, सम्बद्ध संस्था और जिला चैंबर से 21 अप्रैल से 25 अप्रैल तक सेल्फ लॉकडाउन की अपील की. यह भी कहा कि सभी व्यापारिक संगठन अपने स्तर से अपने सदस्यों को सेल्फ लॉकडाउन के लिए प्रेरित करें. अपने घरों में रहें, ताकि प्रदेश में कोविड संक्रमण के बढते चेन को कुछ हद तक नियंत्रित किया जा सके. इस दौरान आवश्यक सेवाएं बाधित नहीं हो, इसका ध्यान रखा जाय. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की रांची चैप्टर ने भी माना कि झारखंड में वर्तमान में लॉकडाउन लगाना अत्यावश्यक है.
चैंबर अध्यक्ष प्रवीण जैन छाबड़ा ने कहा कि राज्य में संक्रमण की चेन को नियंत्रित करने के उद्देश्य से ही प्रदेश में सेल्फ लॉकडाउन की पहल की गई है. जब सबसे ज्यादा जरूरत है, तब यदि सरकार फैसला नहीं ले रही है. ऐसे में अब व्यापारी समाज को स्वतः फैसला लेने का वक्त है. उन्होंने प्रदेश के व्यापारियों से आग्रह किया कि वर्तमान परिवेश को देखते हुए आप स्व-अनुशासन का उदाहरण पेश करते हुए अपने प्रतिष्ठान में सेल्फ लॉकडाउन की पहल करें. जरूरत होने पर ही घर से बाहर निकलें.
अध्य क्ष ने कहा कि चैंबर द्वारा 25 अप्रैल को पुनः स्थिति की समीक्षा कर आगे की रणनीति पर निर्णय लिये जायेंगे. उन्होंने लोगों से अपील की कि सोसाइटी स्तर पर लोग ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की उपलब्धता रखें, ताकि आकस्मिक स्थिति में लोगों की जान बचाई जा सके. साथ ही, उन्होंने जिला प्रशासन से सभी अस्पतालों में आवश्यक सुरक्षा व्यवस्था उपलब्ध कराने की भी अपील की.
इंडियन मेडिकल एसोसियेशन की रांची चैप्टर के अध्यक्ष डॉ शंभू प्रसाद सिंह एवं सचिव डॉ सुधीर कुमार ने कहा कि वर्तमान स्थिति भयावह है. इसलिए हमने झारखंड चैंबर से राज्य में मजबूती से लॉकडाउन लगाने का सुझाव दिया है. उन्होंने यह भी कहा कि महामारी से लोगों को बचाने के लिए हमारे डॉक्टसर, नर्सिंग स्टॉफ दिन-रात मेहनत कर रहे हैं. लोगों से भी उन्होंने अपील की कि ऑक्सीजन, दवाई की कमी को लेकर उहापोह की स्थिति ना बनायें. डॉक्टर वर्तमान स्थिति को संभालने में सक्षम हैं. इसलिए सावधानी के साथ संयम बनाये रखें.
आईएमए के सह सचिव डॉ अजीत कुमार ने कहा कि राज्य में संक्रमण की चेन को ब्रेक करने के लिए लॉकडाउन अतिआवश्यक है. लॉकडाउन की इस अवधि में स्वास्थ्य विभाग द्वारा सारी चिकित्सकीय सुविधाएं उपलब्ध करा ली जायें, ताकि हमलोग लोगों के जानमाल की रक्षा कर स्थिति को पुनः सामान्य बना सकें.