दिल्ली: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) से इस साल फरवरी में शुद्ध रूप से 12.37 लाख कर्मचारी जुड़े. यह पिछले साल के इसी माह के मुकाबले करीब 20 प्रतिशत अधिक है.
मंगलवार को जारी नियमित वेतन पर रखे जाने वाले कर्मचारियों (पेरोल) का यह आंकड़ा कोरोना महामारी के बीच संगठित क्षेत्र में रोजगार की स्थिति को बताता है.
ताजा आंकड़े के अनुसार, अप्रैल 2020 में ईपीएफओ से शुद्ध रूप से 2,72,900 अंशधारक अलग हुए थे जबकि मार्च में यह आंकड़ा (-)2,55,559 रहने की बात कही गई थी. इसका मतलब है कि ईपीएफओ में इस दौरान जितने अंशधारक जुड़े, उससे कहीं अधिक उससे बाहर हुए.
मई के आंकड़े को भी संशोधित किया गया है. शुद्ध रूप से मई 2020 में 2,72,328 अंशधारक ईपीएफओ से अलग हुए जबकि पूर्व में यह आंकड़ा (-) 2,47,991 बताया गया था.