ज्योत्सना
खूंटी : देशज तकनीक और देशी अंदाज में जंगल पहाड़ों के बीच बसे सुदूर देहातों के खेतों में जल शक्ति अभियान अब आकार लेने लगी है. मुरहू प्रखंड के जरटोनांग गांव में ग्राम सभा ने बैठक कर निर्णय लिया कि गांव में छह बोरी बांध बनाया जाएगा. खूंटी जिला प्रशासन ने ग्रामीणों को बोरी बांध बनाने के लिए प्रोत्साहित किया. साथ ही वीकेएस, वाईएफसी की मदद से सीमेंट की खाली बोरियां ग्रामीणों को उपलब्ध कराई गयी.
जरटोनांग गांव के ग्रामीणों ने बोरी बांध के लिए खेत के सबसे निचले भाग के नाला को चुना है. जिला प्रशासन और सेवा वेलफेयर सोसाइटी ग्रामीणों को बोरी बांध निर्माण कार्य मे मदद पहुंचा रहे हैं. ग्रामीण भी सरकार की जल शक्ति योजना को बगैर इंजीनयर के अपने बलबूते जमीन पर उताकर जल संचयन करना चाहते हैं ताकि मनुष्यों के साथ साथ आने वाले दिनों में जानवर भी अपनी प्यास बुझा सके.
जरटोनांग की ग्रामसभा इस बात को लेकर आश्वस्त है कि बोरी बांध बनाने से आस पास के इलाकों में जलस्तर बढ़ेगा और बारिश के बाद भी किसान रबी फसल आसानी से उपजा सकेंगे. ग्रामीणों के ग्रामसभा के फैसले के अनुसार गांव में छह बोरी बांध बनाने का निर्णय लिया गया है.
देशज तकनीक और देशी अंदाज से बोरी में बालू मिट्टी भरकर एक खेत की मेढ़ को दूसरे खेत की मेढ़ से जोड़ने का कार्य किया जा रहा है. गांव के महिला, पुरुष और बच्चे सभी एक साथ श्रमदान अर्थात मदईत प्रथा से बोरी बांध बनाने में लगे हैं. ग्रामीणों का मानना है कि सरकार अकेले क्या करेगी. जब तक जल शक्ति अभियान में जनता की भागीदारी नहीं होगी जल शक्ति अभियान अधूरा होगा. सुदूर देहात के ग्रामीण महिला, पुरुष और बच्चे अब केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी योजना जल शक्ति अभियान को जन शक्ति अभियान के माध्यम से धरातल पर उतार रहे हैं.