तालिबान ने कहा है कि वह यहूदियों से ज्यादा पाकिस्तानी सेना से जंग लड़ना पसंद करेंगे.
काबुल: पाकिस्तान और तालिबान के बीच सीमा विवाद बढ़ता ही जा रहा है. दरअसल पाकिस्तान अफगानिस्तान के साथ मिलने वाली सीमा, जिसे डूरंड लाइन कहा जाता है, पर बाड़ लगा रहा है जबकि तालिबान इस सीमा को खारिज करता है. तालिबानी लड़ाके डूरंड लाइन पर पाकिस्तानी सेना की बाड़बंदी को तोड़ रहे हैं. इसका एक ताजा वीडियो सामने आया है जिसमें दक्षिणी अफगानिस्तान में तालिबानी लड़ाकों को डूरंड लाइन पर लगी बाड़ को तोड़ते हुए देखा जा सकता है.
वीडियो में एक ट्रक पीछे की ओर चलते हुए सीमा पर लगी बाड़ को कुचल रहा है जिसके आसपास तालिबानी लड़ाकों को देखा जा सकता है. जिस तालिबान को अफगानिस्तान पर कब्जा करने के लिए पाकिस्तान ने खुलकर मदद की थी अब वह उसी के लिए मुसीबत बनता जा रहा है. तालिबान पाकिस्तानी सेना को धमकी दे चुका है कि अगर उन्होंने सीमा पर बाड़ लगाने की कोशिश करते हैं तो वह युद्ध के लिए तैयार हैं. तालिबान ने कहा है कि वह यहूदियों से ज्यादा पाकिस्तानी सेना से जंग लड़ना पसंद करेंगे.
‘बैकफुट’ पर पाकिस्तानी सेना
यह कोई पहला वीडियो नहीं है. बीते दिनों कई तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किए गए जो इस बात की तसदीक करते हैं कि पाकिस्तनी तालिबान के आगे ‘बैकफुट’ पर है. बता दें कि डूरंड लाइन पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच की सीमा को कहा जाता है. अफगान की पूर्ववर्ती सरकार और तालिबान भी डूरंड लाइन का लंबे समय से विरोध करते रहे हैं। इस हफ्ते के शुरुआत में तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने पाकिस्तान में एक पश्तो चैनल से कहा था कि अफगान डूरंड रेखा पर पाकिस्तान की बनाई गई बाड़ का विरोध करते हैं.
ऐसे बनी थी डूरंड लाइन
दूसरे अफगान युद्ध की समाप्ति के दो साल बाद 1880 में अब्दुर रहमान अफगानिस्तान के राजा नियुक्त किए गए. इस युद्ध में ब्रिटिश फौज ने अफगानिस्तान साम्राज्य के बहुत बड़े हिस्से पर अपना अधिकार कर लिया था. अब्दुर रहमान को अंग्रेजों ने अपनी इच्छा से राजा बनाया. जिसके बाद 1893 में सर डूरंड के साथ उनके समझौते ने भारत के साथ अफगान सीमा पर उनके और ब्रिटिश भारत के प्रभाव के क्षेत्रों की सीमाओं का निर्धारण किया गया. तब वर्तमान पाकिस्तान भी भारत में ही शामिल था.
डूरंड लाइन को सीमा नहीं मानता पाकिस्तान
अफगानिस्तान के बहुसंख्यक पश्तून और तालिबान ने कभी भी डूरंड लाइन को आधिकारिक सीमा रेखा नहीं माना है. जबिउल्लाह मुजाहिद ने कहा था कि नई अफगान सरकार इस मुद्दे पर अपनी स्थिति की घोषणा करेगी. पाकिस्तान की बनाई बाड़ ने लोगों को अलग कर दिया है और परिवारों को विभाजित कर दिया है. हम सीमा पर एक सुरक्षित और शांतिपूर्ण माहौल बनाना चाहते हैं, इसलिए अवरोध पैदा करने की कोई जरूरत नहीं है.