Bnn Bharat Desk: सहारा इंडिया के कई ऑफिसों में आये दिन हंगामा की खबरें आ रहीं है. निवेशकों का आरोप है कि उनका पॉलिसी का टर्म पूरा हो जाने के बावजूद सहारा इंडिया पैसा नहीं दे रही है. वहीं सहारा इंडिया का कहना है कि हमारा पैसा सेबी के पास है, जबतक सेबी पैसा नहीं देगी हम निवेशकों को पैसा कहां से लौटाए?
इतना ही नहीं इस मामले में सरकार भी कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है जिससे कुछ निवेशकों का कहना है कि यह सरकार और सहारा इंडिया की मिली भगत है.
असल में मामला क्या है? निवेशकों का पैसा कहाँ है, क्या सहारा इंडिया निवेशकों का पैसा देगी या सेबी देगी . क्या निवेशकों का पैसा डूब जाने का डर है? आइये इस पूरे मामले को विस्तार से समझते हैं.
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यहां मामला सहारा इंडिया, सेबी, सुप्रीम कोर्ट और निवेशकों इन चारों के बीच फंसा हुआ है.
इस मामले को प्रारंभ से समझने की कोशिश करते है वर्ष 2012 में जब सेबी ने सहारा इंडिया पर शिकंजा कसा था और सहारा प्रमुख सुब्रतो राय को माननीय सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना के आरोप में जेल भेजा गया था .
वर्ष 2012: निवेशकों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए बनी नियामक संस्था सेबी ने सहारा इंडिया पर आरोप लगाया कि SIRECL और SHEIL ने बांड धारकों से 6,380 करोड़ व 19,400 करोड़ गलत तरीके से जुटाए. इसे अनियमितता बताकर फरवरी 2012 में सेबी ने सहारा इंडिया के दोनो कम्पनियों के बैंक खातों पर रोक लगाने और कुर्की के आदेश दिए.
दिसंबर 2012 में सहारा प्रमुख के अर्जी पर उच्चतम न्यायालय ने निवेशकों का पैसा 15% ब्याज के साथ सेबी के निगरानी में तीन किस्तों में लौटने की छूट दी. सहारा ने पहली किस्त 5120 करोड़ जमा कर दी.
फरवरी 2013: सहारा दूसरी क़िस्त जमा करने में असफ़ल हिती है जिसपर सेबी सहारा समूह के बैंक खाते फ्रिज़ और जायदाद जब्त करने का आदेश देती है.
अब वर्तमान स्थिति वर्ष 2021- 22 में आते हैं:
31 मार्च 2020 तक सहारा इंडिया के द्वारा एस्क्रो खाते में 21,770 करोड़ रुपए जमा की गई.
31 मार्च 2021 तक सहारा इंडिया के द्वारा एस्क्रो खाते में जमा की गई कुल राशि 23,191 करोड़ रुपए है.
ये सभी रुपये सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर एस्क्रो एकाउंट में रखे गए. यानी कि ये सभी रुपये सेबी के पास पड़े हुए हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने सेबी को निवेशकों का पैसा लौटने का जिम्मा सौंपा था.
सेबी ने 2018 में एक विज्ञापन निकाला कि वह जुलाई 2018 के बाद प्राप्त किसी भी निवेशकों के दावे पर विचार नहीं करेगा.
31 मार्च 2021 तक सेबी ने कुल 115.2 करोड़ रुपये ब्याज सहित निवेशकों को लौटा दिए.
इसके बावजूद बचा हुआ पैसा आज भी 23075.8 करोड़ रुपये एस्क्रो एकाउंट में सेबी के पास है. यानी सेबी के पास पड़ा हुआ है. बिल्कुल सुरक्षित.
अब निवेशक सहारा इंडिया के आफिस का चक्कर काट रहें है और पैसा है सेबी के पास. इसपर सेबी की अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.
उल्लेखनीय है कि , बीबीसी में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2009 में सेबी ने अपने जांच में यह पाया था की सहारा समूह ने 50 से अधिक निवेशकों से धन जुटाने के लिए जो तरीका अपनाया था उसके लिए सेबी से आज्ञा लेना अनिवार्य था. जिसका पालन नहीं किया गया.
अब मामला आपके समझ में आ रहा होगा की आखिर पेंच कहाँ फंसा है. निवेशकों का पैसा कहां अटका है.
अब इस पूरी कहानी को एक छोटी कहानी से सरल बोलचाल की भाषा में समझते हैं.
“शार्ट स्टोरी: वर्ष 2009, सेबी के पास शिकायत आती है कि सहारा इंडिया गलत तरीके से निवेशकों से पैसा ले रहा है. सेबी इसपर जांच बिठाती है और सहारा इंडिया को कहती है कि भाई तुम तो ग़लत किये ही तुम्हारा बैंक खाता और प्रॉपर्टी सीज करेंगे.
अब सहारा इंडिया सुप्रीम कोर्ट चली जाती है जहां सेबी प्रूफ कर देता है कि सहारा इंडिया गलत है. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट सेबी को कहती है कि तुम निवेशकों का पैसा सहारा से लेकर अपनी निगरानी में निवेशकों को लौटा दो. और सहारा इंडिया को आदेश मिलता है कि तुम तीन क़िस्त में सेबी को निवेशकों का सारा पैसा दो . सारा पैसा एस्क्रो एकाउंट में जमा करने का आदेश दिया जाता है.
(“एस्क्रो एकाउंट एक खास तरह का एकाउंट है जिसका मालिक एक तरह से सेबी होता है, वहां सहारा इंडिया पैसा जमा तो कर सकता है लेकिन वहां से निकाल नहीं सकता है, वह से सेबी पैसा निकाल कर सहारा को देगा तभी सहारा को उस एकाउंट का पैसा मिलेगा”)
इसके बाद 2021 तक सहारा इंडिया लगभग 24,000 रुपया एस्क्रो एकाउंट में जमा कर देता है लेकिन सेबी सिर्फ 115 करोड़ रुपया ही ब्याज सहित निवेशकों का लौटा पता है.
यहां बात यह है कि ज्यादातर निवेशक का मानना है कि हम पैसा सहारा को दिए हैं तो उससे ही लेंगे. सेबी कौन होते है मेरा पैसा लौटने वाले हम सहारा से ही लेंगे.
सेबी भी एक विज्ञापन निकल देती है कि जुलाई 2018 के बाद हम किसी निवेशक के आवेदन पर विचार नहीं करेंगे.
अब जिसका जिसका पालिसी टर्म पूरा ही गया है वो अब सहारा इंडिया के आफिस का चक्कर काट रहा है. निवेशकों का 23 हजार करोड़ से ज्यादा रुपया सुप्रीम कोर्ट के आदेश से सेबी के पास ही रखा हुआ है, जो बिल्कुल सुरक्षित है. ”
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क्या कहना है सहारा इंडिया का,
सहारा इंडिया यह दावा करती हैं कि संस्था में सम्मानित निवेशकों का पैसा हैं वो 100% लौटेगा. जिसके लिए विलंब भुगतान के लिए सम्मानित जमाकर्ता को क्षति पूर्ति के रूप में भुगतान तिथि तक लाभांश दे रहीं हैं. जिसके बारे में ज्यादा जनकारी सहारा इंडिया की किसी भी ऑफिस से लिया जा सकता है.
29 दिसंबर को हिंदुस्तान समाचार में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, बाजार नियामक सेबी ने 28 दिसंबर को यह साफ किया कि सहारा समूह ने सुप्रीम कोर्ट के वर्ष 2012 के फैसले के अनुरूप अब तक पूरी रकम नहीं जमा की है. उसे 25,781 करोड़ रुपये जमा करने हैं, लेकिन अब तक उसने करीब 15,000 करोड़ रुपये ही जमा किए हैं.
इस मामले में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी लोकसभा में कहा था कि 30 नवंबर तक सहारा समूह की कंपनियों- सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉरपोरेशन एवं सहारा हाउसिंग इनवेस्टमेंट कॉरपोरेशन और उनके प्रवर्तकों एवं निदेशकों ने 15, 485.80 करोड़ रुपये जमा कराए हैं, जबकि उसे 25,781.37 करोड़ रुपये का मूलधन लौटाना था.
इससे पहले आई एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया कि सेबी सहारा समूह के बांडधारकों की 23,191 करोड़ रुपये की राशि रखे हुए है जो कि एक एस्क्रो खाते में जमा है.
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