बी एन एन डेस्क यूपी: सपा के अखिलेश यादव की संपत्ति में मात्र 15 वर्षों में 18 गुणा से ज्यादा बढ़ोतरी हुई है. सबसे आश्चर्य का बात यह है कि अखिलेश यादव एक किसान परिवार से संबंध रखते है. वर्ष 2004 में अखिलेश यादव की संपत्ति करीब 2 करोड़ की थी जो 2019 में बढ़ कर 37 करोड़ से ज्यादा हो गई थी. शैक्षणिक योग्यता के मामले में भी 2004 के दिये हलफनामें में उन्होंने पोस्ट ग्रेजुएट (MES यूनिवर्सिटी सिडनी, ऑस्ट्रेलिया) का जिक्र किया है लेकिन 2004 के बाद किसी भी चुनाव के हलफनामें में इस डिग्री का उल्लेख नहीं किया है.
अखिलेश यादव और उनकी धर्म पत्नी पेशे से किसान है. उनका का मुख्य पेशा खेती है. अपनी संपत्ति, पेशे और एजुकेशन का ऐलान उन्होंने खुद अपने चुनाव में दिए सेल्फ डिक्लेरेशन में किया है. इतना ही नहीं 2004 से लेकर 2019 तक में उनके द्वारा दिये गए शैक्षणिक योग्यता में भी अंतर दिख रहा है.
वर्ष 2004: 31 वर्ष के अखिलेश यादव सबसे युवा नेता के रूप में कन्नौज से लोकसभा चुनाव लड़े. इस समय चुनाव आयोग की दी गई सेल्फ डिक्लेरेशन में उन्होंने अपनी संपत्ति 2,31,42,705 रुपए बताई. अपनी शैक्षणिक योग्यता पोस्ट ग्रेजुएट फ्रॉम M.E.S यूनिवर्सिटी सिडनी ऑस्ट्रेलिया बताया.
वर्ष 2009 में पुनः लोकसभा इलेक्शन में 35 वर्ष के अखिलेश यादव कन्नौज और फैजाबाद से खड़े हुए और दोनों सीट से विजयी रहे. चुनाव आयोग को दी गई सेल्फ डिक्लेरेशन में उन्होंने अपनी संपत्ति 4,85,82202 रुपए बताया. जो कि पिछले चुनाव 2004 की तुलना में दोगुना से ज्यादा है. शैक्षणिक योग्यता में उन्होंने खुद को ग्रेजुएट प्रोफेशनल B.E फ्रॉम मैसूर यूनिवर्सिटी बताया.
वर्ष 2012-18 के उत्तर प्रदेश लेजिस्लेटिव असेंबली इलेक्शन में 39 वर्षीय अखिलेश यादव ने अपनी संपत्ति 8,84,83,492 रुपये बताया. अपना शैक्षणिक योग्यता B.E सिविल इंजीनियरिंग फ्रॉम मैसूर यूनिवर्सिटी वर्ष 1994-1995 बताया.
वर्ष 2019 के लोकसभा इलेक्शन में 45 वर्ष के अखिलेश यादव की संपत्ति बढ़ कर 37 करोड़ हो गयी, जो कि 2004 चुनाव में संपत्ति का 1750 फीसदी ज्यादा है. वैसे से तो देश में किसानों की हालत ठीक नहीं. देश के कई राज्यों में हर साल कई किसान आत्महत्या तक कर लेते है. अखिलेश यादव हमारे ऐसे किसान हैं जिनकी संपत्ति में 15 वर्षों में 18 गुणा बढ़ गया है. उक्त आंकड़ा 2019 तक का ही है. देखना यह है कि 2022 में उनकी संपत्ति में कितनी बढ़ोतरी होती है.




साफ सुथरी छवि के नेता हैं अखिलेश,
अखिलेश यादव पर वर्ष 2019 तक के हलफनामे के अनुसार उनपर किसी तरह का कोई क्रिनिमल केस नहीं है.