गौरतलब है कि कुछ दिन पहले रेलवे ने करीब एक लाख आवेदन रद्द कर दिए थे. कारण ये बताया गया कि इन अभ्यर्थियों के आवेदन में फोटो और हस्ताक्षर उचित फॉर्मेट में नहीं हैं, लेकिन हजारों की संख्या में अभ्यर्थियों ने रेलवे के इस फैसले पर आपत्ति जताई. उनका कहना था कि उनसे कोई गलती नहीं हुई है. उन्होंने मांगे गए फॉर्मेट में ही आवेदन किया है.
बड़ी संख्या में आपत्ति मिलने के बाद रेलवे ने दोबारा आवेदनों की जांच कराई. पता चला कि इसमें गलती बोर्ड से ही हुई थी. इसके बाद उन आवेदनों को स्वीकार कर लिया गया है, जिन्हें बोर्ड की गलती के कारण रद्द किया गया था. अब बोर्ड के इस कदम के विरोध में एक अभ्यर्थी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है. इस पत्र में अभ्यर्थी ने पीएम मोदी से एक सवाल किया है. सवाल है – ‘क्या केवल सिस्टम अपनी गलती सुधार सकता है, विद्यार्थी नहीं?’ ये सवाल क्यों किया गया.
विद्यार्थी द्वारा लिखी गई पूरी चिट्ठी
सेवा में
श्रीमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी
मेरे प्रिय प्रधानमंत्री जी, मैं आज आपसे रेलवे सिस्टम के बारे में कुछ बताने जा रहा हूं. जैसा कि आपको पता हो कि RRB ने cen01/2019 NTPC की भर्ती निकाली थी और उन्होंने अभी एक महीने पहले application status दिया था. जिसमें लाखों विद्यार्थियों का application उसमें दिए photo या signature के छोटे से कारण से रद्द हो गया था. विद्यार्थियों की twitter पर शिकायत के बाद उन्होंने दोबारा जांच के आदेश दिए और फिर से 6 सितंबर 2019 को दोबारा एप्लीकेशन स्टेटस जारी करते हुए रद्द हुए बहुत से फॉर्म को स्वीकार कर लिया, लेकिन फिर भी बहुत से विद्यार्थी के साथ अन्याय हुआ. अन्याय इसलिए हुआ साहब, क्योंकि जब रेलवे से गलती हुई तो उसने दोबारा जांच करने के बाद कुछ फॉर्म को स्वीकार कर लिया. लेकिन विद्यार्थियों से गलती हुई तो उसे सुधारने का मौका नहीं दिया जा रहा है.
सर, हम 6 महीने से बाहर शहर में रहकर तैयारी कर रहे हैं . मम्मी पापा घर पर मेहनत करके पढ़ा रहे हैं. हमारे बहुत सारे रुपये खर्च हो गए है, लेकिन RRB ने हमारी 6 महीने की मेहनत बर्बाद कर दी है. कृपया इस मामले को संज्ञान में ले और लाखों स्टूडेंट्स के भविष्य को बचाएं.
आशा करते हैं आप जल्द कार्रवाई करेंगे और स्टूडेंट्स को मॉडिफिकेशन लिंक (modification link) भी उपलब्ध करवाएंगे.
धन्यवाद
आपका आभारी और एक गरीब मेहनती छात्र