यूपी के फतेहपुर में मुख्य पशु चिकित्साधिकारी की ओर से जारी एक आदेश इस समय सोशल मीडिया पर जबरदस्त वायरल हो रहा है. इस हादसे में कलेक्टर आवास में गाय के इलाज के लिए 7 डॉक्टरों की ड्यूटी लगाने की बात कही गई है.इस आदेश के वायरल होने के बाद विभाग में हड़कंप मच गया है. इसके बाद कलेक्टर ने तो सीवीओ की जमकर क्लास ली. वहीं, अफसर शासन स्तर से मामले पर कार्रवाई की आशंका जता रहे हैं. हालांकि संबंधित अधिकारी ने इस लेटर को शरारतपूर्ण तरीके से वायरल करने की बात कही है.दोआबा में गौशाला के मवेशियों की तंदुरुस्ती को लेकर विभाग कितना संवेदनशील है इसकी बानगी प्रभारी सीवीओ डा. एसके तिवारी के उस के उस आदेश से लगा जब वह वायरल हो गया. सीवीओ ने डीएम की एक गाय के लिए प्रतिदिन एक डाक्टर की सुबह से शाम तक की ड्यूटी लगा दी और एक डाक्टर को दिनभर की रिपोर्ट देने का आदेश जारी कर दिया.
प्रभारी सीवीओ की हिटलरशाही का आलम यह रहा कि 50 किमी दूरी के डाक्टरों की ड्यूटी तो लगा दी जबकि शहर के पशु चिकित्सक को अभयदान दे दिया. इस मामले ने तब तूल पकड़ा जब गैर प्रांत में कार्यरत एक डाक्टर ने सूबे के मुखिया सीएम योगी आदित्यनाथ को टैग कर ट्वीट कर दिया. मामले की जानकारी होने पर डीएम अपूर्वा दुबे ने प्रभारी सीवीओ को जमकर फटकार लगाई और आदेश को वापस लेने को कहा.
फतेहपुर डीएम ने बयान जारी करते हुए कहा, “इस लेटर के बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है, यह लेटर संयोजित तरीके से मेरी छवि धूमिल करने के लिए जारी किया गया है.” “पशु चिकित्सा विभाग खुद जारी करता है और खुद ही इसे निरस्त कर देता है. 544 डाक नंबर से जारी किया गया लेटर अगले ही दिन डाक नंबर 545 संख्या से निरस्त किया गया.” “ट्विटर के माध्यम से मेरे संज्ञान में मामला आया. मैंने सीवीओ और डिप्टी सीवीओ के खिलाफ निलंबन के लिए पत्र लिखा है.” “मेरे और मेरे परिवार में किसी ने गाय नहीं पाली है. गाय की बीमारी के बारे भी मुझे जानकारी नहीं है.”