ब्यूरो चीफ
रांची: मुख्यमंत्री रघुवर दास ने रविवार को धुर्वा के आरएनआर कॉलोनी का नामांकरण ठाकुर विश्वनाथ शाहदेव कॉलोनी करने की घोषणा की. उन्होंने भवन निर्माण विभाग के अधिकारियों को कॉलोनी का नाम बदलने और शिलापट्ट लगाने का निर्देश दिया. रविवार को कालोनी परिसर में वृक्षारोपण कार्यक्रम के अवसर पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार की मंशा साफ है. डबल इंजन की सरकार में विकास के लिए यदि विस्थापन होगा, तो पहले पुनर्वास होगा.
पुनर्वास करने का काम पूर्व की कांग्रेस और हेमंत सोरेन की सरकार ने नहीं कराया. झारखंड के मालिक आज भी विस्थापित कहला रहे हैं. हमनें उन्हें सम्मान दिया, उन्हें पट्टा दिया, उनका रसीद कटाया. एचइसी ही नहीं, पूरे राज्य के सभी जिलों में उपायुक्तों को निर्देश दिया था कि विस्थापितों को मालिकाना हक दो. पट्टा दो. यह मेरा ड्रीम प्रोजेक्ट है. स्थानीय विधायक, विस्थापित समिति के अध्यक्ष इसको लेकर एक समिति बनायें. बढ़िया पार्क बनायेंगें. नये साल में नयी उमंग में 14 जनवरी 2020 के बाद ठाकुर विश्वनाथ शाहदेव कॉलोनी में गृह प्रवेश करायें. किसी प्रकार की कोई त्रुटी कॉलोनी में नहीं रहे. भवन निर्माण विभाग, पथ निर्माण विभाग और अन्य मिल कर सभी कमियों को दिसंबर तक पूरा कर दें.
विधानसभा परिसर और मंत्रालय दिल्ली की तरह बनेगा पर्यटक स्थल
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विधानसभा भवन के सामने के हिस्से को राष्ट्रपति भवन से लेकर इंडिया गेट की तरह विकसित करने का निर्देश दिया है. इसलिए यहां पर वोट क्लब और संसद भवन की तरह सुविधाएं विकसित की जायेंगी. जो राज्य का सबसे बेहतरीन पर्यटक स्थल होगा और रोजगार के नये अवसर यहां उपलब्ध होंगे. उन्होंने कहा कि झारखंड की नयी विधानसभा और नये मंत्रालय में कुटे और आसपास के गांवों के विस्थापितों को झाड़ूकश और अन्य पदों पर बहाली करने की प्राथमिकता दी जायेगी.
उन्होंने कहा कि 17 सितंबर को पीएम का जन्मदिन है. सृष्टि के रचयिता भगवान विश्वकर्मा का दिन है. इसलिए स्वच्छता ही सेवा है का संकल्प लेकर सेवा करने का काम अपने मुहल्ले, टोलों में करें. लोगों को जागरुक करें. झारखंड देश का पहला राज्य बने, जो प्लास्टिक मुक्त हो. सभी भाई बहन प्लास्टिक देनेवाले दुकानदारों से सामान न लें. सब घर से जूट का झोला ले जायें.
कुटे और आसपास के गांवों में बने सखी मंडल
मुख्यमंत्री ने कहा कि कुटे और आसपास के गांवों के लोग सखी मंडल गठित करें. कई ऐसे काम हैं, जो सखी मंडल की बहनें करेंगी. बच्चों का स्कूल ड्रेस. एक साल में 80 लाख बच्चों को ड्रेस देंगे. तीन महीने की ट्रेनिंग देंगी. झारखंड की बहनें सिलाई का काम करेंगी. 500 करोड़ का रेडी-टू-ईट पोषक आहार का निर्माण सखी मंडल करेंगी. राज्य की बहनें हर प्रखंड में 10 से 12 लाख पैकेट बनायेंगी. इसे चलायेंगी सखी मंडल. 40 हजार महिलाओं को स्वरोजगार एक नवंबर से दिया जायेगा. महिना 1500 रुपये कमायेंगे. तीन दिन काम करना है. हमारे बच्चों को पौष्टिक आहार मिलेगा. इस तरह 500 करोड़ की योजना झारखंड के गांवों में होगी.
गांवों की अर्थ व्यवस्था मजबूत होगी. कुटे गांव में स्किल डेवलपमेंट सेंटर खोले जायेंगे. रोजगार की कोई कमी नहीं है. जिसके पास हुनर है, उसे ही रोजगार मिलेगा. अपने घर में ही रोजगार देंगे. गारमेंट्स में 15 हजार रोजगार यहां की बेटियों को उपलब्ध करायेंगे. हमारे बच्चे-बच्चियां 5000 रुपये से 10 हजार रुपये के लिए पलायन नहीं करें. हाउसकीपिंग के लिए प्रशिक्षण देंगे.
हमारी सरकार की इबादत है जल जंगल और जमीन
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार की इबादत है जल, जंगल और जमीन. पूर्व की सरकार का यह नारा था और इसके जरिये वोट बैंक बनाये जाते थे. हमने जल, जंगल और जमीन को संरक्षित करने का काम किया. विस्थापन को कम किया. जिस प्रकार एचइसी, बोकारो, माइंस क्षेत्र में भारी संख्या में विस्थापन हुआ, उसे केंद्र और राज्य की सरकार ने कम किया है. हम पहले पुनर्वास कर रहे हैं, फिर विकास के लिए विस्थापन.
मौके पर स्थानीय विधायक नवीन जायसवाल ने विस्थापितों को स्थानीय रोजगार में प्राथमिकता देने की मांग की. अपर मुख्य सचिव इंदू शेखर ने कहा कि यहां पर 35 सौ फलदार और अन्य वृक्ष लगाये जायेंगे. कार्यक्रम में विस्थापित समिति के अध्यक्ष पंकज शाहदेव, भवन निर्माण सचिव सुनील कुमार और अन्य मौजूद थे.