कर्मवीर,
रांची: झारखंड राज्य सूचना आयोग में सूचना आयुक्त के पद नहीं भरे जाने से द्वितीय अपील के मामले अब एक वर्ष बाद सुने जा रहे हैं. राज्य सूचना आयोग के वर्तमान हालात पर BNN NEWS की टीम ने वृहस्पतिवार को जायजा लिया.BNN BHARAT की टीम ने राज्य के सूचना आयुक्त हिमांशु शेखर चौधरी से कई मुद्दों पर और आयोग के कार्यकलापों पर बातचीत की. सूचना आयुक्त ने कहा कि सूचना का अधिकार कानून कुछ लोगों तक ही सिमट कर रह गया है. शहरों में इसका व्यापक प्रचार-प्रसार हुआ, पर गांवों तक इसके बारे में जागरुकता नहीं पहुंची. गांवों, प्रखंडों तक आरटीआइ कानून की बातें नहीं पहुंची.
उन्होंने कहा कि यह सूचना आयोग की एक बड़ी नाकामी है, पर लोग अब जागरुक हो रहे हैं. इसका नतीजा यह है कि आयोग में द्वितीय अपील के पांच हजार मामले लंबित हैं. सेकेंड अपील की सुनवाई की तिथि भी एक वर्ष बाद मिल रही है. यह पूछे जाने पर कि आयोग में मुख्य सूचना आयुक्त समेत सूचना आयुक्त के आठ पद हैं. फिलहाल एक ही सूचना आयुक्त हैं, पर उन्होंने कहा कि सूचना आयुक्त के कई पद खाली हैं, पर हम एक रिपोर्टर की तरह आठ-आठ बीट पर काम कर रहे हैं. अपनी क्षमता के अनुसार हम कार्रवाई भी कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि सरकार के स्तर पर नियुक्ति होती है. हम अर्ध न्यायिक बॉडी हैं, जहां सेकेंड अपील की सारी शक्तियों के अनुसार सुनवाई कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि राज्य सूचना आयोग सभी विभागों पर एक अंकुश लगाने में सफल रहा है, इससे सूचना के अधिकार कानून के तहत सूचना मांगनेवालों को उपयुक्त जानकारियां भी मिल रही हैं. यदि कोई आवेदक व्यक्तिगत जानकारी मांगता है, तो वह आरटीआइ एक्ट के तहत नहीं दी जा सकती है. खास कर सेवा पुस्तिका, किसी की व्यक्तिगत संपत्ति की जानकारी सूचना के अधिकार कानून के तहत नहीं दी जा सकती है.