ईटखोरी,चतरा: थाना क्षेत्र के हलमत्ता निवासी झरी यादव का मौत समुचित इलाज के अभाव में हो गया. झरी यादव की पत्नी रमती देवी गंभीर रुप से बीमार पति को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र ईटखोरी में इलाज कराने सुबह के 9 बजे आयी थी. लेकिन,अस्पताल में चिकित्सक साहब नहीं थे. सुबह के समय में ड्यूटी डा.अजीत कुमार का था. लेकिन वे अपनी ड्यूटी को तव्वजो देना जरुरी नहीं समझे जिसके कारण हलमत्ता निवासी झरी यादव की मौत हो गयी. झरी यादव के दम तोड़ने से पहले उसकी पत्नी रमती देवी ने अस्पताल में उपस्थित नर्सों से पति की जान बचाने की मिन्नते करती रही. पर, इन नर्सों का थोड़ा सा भी मन नहीं पसीजा.
रमती देवी ने प्रभात मंत्र से कहा कि मेरे पति अस्पताल परिसर में तड़प रहे थे. मुझे रो-रोकर बुरा हाल था. मगर अस्पताल में मौजूद नर्स हंसी-ठिठोली कर रही थी. तत्पश्चाप मेरे मायके के बलराम सिंह अस्पताल पहुंचे और मैं अपने पति झरी यादव की जान बचाने की बात की. सोनिया निवासी बलराम सिंह ने अस्पताल परिसर का चप्पा-चप्पा छान मारे, लेकिन डाक्टर नदारद थे. बलराम सिंह का प्रयास जान बचा नहीं सका.
मालूम हो कि यह पहला वाक्या नहीं है ईटखोरी सीएचसी का, इसके पूर्व भी यहां चिकित्सकों ने कई बार मरीजों को लेकर लापरवाही बरती हैं. हैरानी की बात यह है कि इस अस्पताल में जान किसी की जाय या बचे यहां के चिकित्सकों और नर्सों को मतलब नहीं के बराबर है. ये अपना ड्यूटी और महज खानापूर्ति के लिए करती हैं.