कर्मवीर,
रांचीः लोकसभा चुनाव के बाद से ही आजसू ने अपनी रफ्तार बढ़ा दी है. एक बूथ 25 यूथ है जनाधार बढ़ाने का मूलमंत्र. इसी मूलमंत्र के साथ आजसू आगे बढ़ रही है. गिरिडीह में झामुमो का किला भेदने के लिए आजसू ने इसी मूलमंत्र को अपनाया था. इस मूलमंत्र से आजसू का न सिर्फ जनाधार बढ़ाया, बल्कि 2.48 लाख वोटों के अंतर से जीत भी दिलायी. अब विधानसभा चुनाव में भी आजसू इसी मूलमंत्र के साथ आगे बढ़ रही है. रांची और हजारीबाग में मिशन पूरा हो गया है. अन्य विधानसभा क्षेत्रों में भी इस पर तेजी से काम हो रहा है. पार्टी सूत्रों के अनुसार विधानसभा चुनाव में आजसू कम के कम 20 सीटों पर अपना दावा ठोंक सकती है. हालांकि पूरे प्रदेश में संगठन के विस्तार पर जोर दिया जा रहा है.राज्य में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव में आजसू पार्टी ने पूरे दमखम के उतरने का मन बना लिया है.
ऐसे बुना जा रहा है ताना-बाना
पार्टी के चंद्रप्रकाश चौधरी अब सांसद बन गये हैं. अब उनकी रामगढ़ सीट पर उनकी पत्नी चुनाव लड़ेंगी. इसी तरह जुगसलाई से पार्टी विधायक रहे रामचंद्र सहिस फिलहाल पीएचइडी औऱ जल संसाधन मंत्री हैं. लंबोदर महतो भी राज्य प्रशासनिक सेवा की नौकरी छोड़ कर गोमिया से चुनावी समर में छलांग लगायी थी. इस सीट पर भी आजसू का दावा है. सिल्ली आजसू की परंपरागत सीट है. इसके अलावा टुंडी आजसू की सीटिंग सीट है. बड़कागांव, तमाड़, सिमरिय़ा, डुमरी व पाकुड़ पर भी आजसू दावा ठोंक सकती है. तमाड़ से आजसू विधायक विकास मुंडा हैं. फिलहाल ने पार्टी से निलंबित हैं. बड़कागांव में चंद्रप्रकाश चौधरी के भाई रौशन लाल चौधरी पिछले चुनाव में काफी कम मारजिन से हारे थे. इन सीटों के अतिरिक्त लोहरदगा, मांडू, पांकी, चक्रधरपुर, सरायकेला, जरमुंडी, सिंदरी विधानसभा सीट पर नजर है। वहीं रांची के तीन सीटों पर भी दावा ठोंक सकती है.
स्थानीय मुद्दों के साथ आगे बढ़ेगी आजसू
विधानसभा चुनाव में स्थानीय मुद्दों के साथ आजसू आगे बढ़ेगी. पार्टी के केंद्रीय प्रवक्ता डॉ देवशरण भगत ने बताया कि पार्टी के अपने मुद्दे हैं. मुद्दों के साथ कोई समझौता नहीं होगा. स्थानीयता, नियोजन नीति, सीएनटी-एसपीटी में संशोधन, विस्थापन और एसटी-एससी व पिछड़ी जाति को मिला कर 73 फीसदी आरक्षण के मुद्दों के साथ आजसू विधानसभा चुनाव में जायेगी. विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को संसद में रखा जायेगा. इसके लिए आजसू शुरू से ही प्रयासरत है. स्पेशल स्टेटस के लिए बरही से बहरागोड़ा तक 343 किलोमीटर लंबी मानव श्रृंखला भी बनायी गयी थी.
सामाजिक समीकरणों पर भी रहेगा फोकस
आजसू समाज के सभी वर्गों को साधने पर भी फोकस करेगी. सामाजिक समीकरणों को ध्यान में रख कर रणनीति तैयार की जा रही है ताकि पार्टी की पहुंच समाज के हर तबके तक हो सके. जिला से लेकर पंचायत स्तर पर इसमें काम किया जा रहा है. इसकी मॉनिटिरिंग पार्टी के वरीय नेता कर रहे हैं.
क्या कहते हैं पार्टी के केंद्रीय प्रवक्ता
पार्टी के केंद्रीय प्रवक्ता देवशरण भगत ने रांची में बीएनएन भारत से बात करते हुए कहा कि पार्टी सीट के लिए नहीं बल्कि जीत के लिए चुनाव लड़ती है. पार्टी इस बार डबल डिजिट में उम्मीदवार देगी और जीत भी दर्ज करेगी. उन्होंने कहा कि आजसू का विश्वास-मजबूरी नही मजबूती की राजनीति में है.