ब्यूरो चीफ,
रांचीः पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती के दिन से राज्य सरकार श्रमशक्ति अभियान चलायेगी. 25 दिसंबर से 2 अक्तूबर तक चलनेवाले अभियान का उद्घाटन मुख्यमंत्री रघुवर दास करेंगे. इसका मुख्य उद्देश्य असंगठित क्षेत्र के कामगारों को निबंधित कर उनके लिए बनी केंद्र और राज्य की योजनाओं का लाभ दिलाना है. मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव सुनील कुमार वर्णवाल ने इसे एक चुनौतीपूर्ण कार्य बताया. उन्होंने कहा कि हमें गांव व शहरों से लेकर लातेहार के सरयू और लोहरदगा के पेशरार जैसे सुदूरवर्ती स्थानों के मजदूरों को भी इससे जोड़ना है. झारखंड मंत्रालय के सभागार में आयोजित जिला तथा प्रखंड समन्वयकों सहित श्रम प्रसार पदाधिकारियों और श्रमाधीक्षकों के साथ बैठक कर उन्होंने यह बातें कहीं. उन्होंने निर्देश दिया कि सभी प्रखंड श्रम प्रसार पदाधिकारी प्रखंड समन्वयकों के साथ बैठक कर कार्ययोजना बना लें. वहीं सभी श्रम अधीक्षकों को निर्देश दिया कि वे शहरी क्षेत्रों में नगर निगम और निकाय के साथ समन्वय बनाकर शत प्रतिशत मजदूरों के निबंधन की रणनीति बनायें. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के इस कार्यक्रम को सफल बनाने में उपायुक्तों से लेकर सभी बीडीओ तक को शामिल करेगी.
निबंधन कर कामगारों का बनेगा डाटाबेस
मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव ने कहा कि असंगठित क्षेत्र के कामगारों के निबंधन के लिए उनकी तस्वीर, किसी तरह का प्रमाण पत्र और कोई शुल्क नहीं लगेगा. उनसे सिर्फ उनके बैंक पासबुक की फोटोकॉपी लेनी है. उन्होंने कहा कि निबंधन का मकसद कामगारों का डाटाबेस बनाकर उनकी डिजिटल पहचान सुनिश्चित करना है, ताकि उन्हें उनके लिए बनी योजनाओं का ससमय लाभ दिया जा सके. वहीं भविष्य में उनके लिए कोई नई योजना बनती है तो मिनटों में उन्हें इसकी जानकारी एसएमएस व वायस मैसेज के माध्यम से दी जा सके. उन्होंने कहा कि प्रखंड स्तर तक पहुंचने के बाद अभियान को पंचायत स्तर तक ले जाना है. बैठक में श्रम विभाग के प्रधान सचिव राजीव अरूण एक्का और उद्योग सचिव के रवि कुमार ने भी अपने विचार रखे.