नई दिल्ली: सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस (सीबीडीटी) ने एक राष्ट्रीय ई-मूल्यांकन केंद्र (नेक) का गठन किया है. इससे करदाता और अधिकारी को टैक्स रिटर्न के मूल्यांकन के लिए एक दूसरे से मिलना नहीं पड़ेगा. इससे टैक्स रिटर्न का इलेक्ट्रॉनिक तरीके से मूल्यांकन किया जा सकेगा. इस योजना के तहत राष्ट्रीय ई-मूल्यांकन केंद्र से आयकरदाता को नोटिस भेजा जाएगा, जिसमें चयन से जुड़े मुद्दे का उल्लेख किया जाएगा. आयकरदाता से जवाब मिलने के बाद 15 दिनों के भीतर केंद्र से स्वचालन प्रक्रिया के माध्यम से आकलन अधिकारी को मामला भेज दिया जाएगा.
सरकार की यह पहल मूल्यांकन और जांच में मानवीय विवेक को कम करने के लिए है, इसके बदले आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, मशीन लर्निंग, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, दूरसंचार सॉफ्टवेर और मोबाइल एप्लीकेशन जैसी तकनीकों का इस्तेमाल कर भ्रष्टाचार की संभावनाओं को खत्म करने का प्रयास किया जाएगा.
सीबीडीटी ने 1984 बैच के भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) अधिकारी कृष्णमोहन प्रसाद को नेक का पहला मुख्य आयुक्त नियुक्त किया है. उनका नियुक्ति पत्र इसी सप्ताह जारी किया जा चुका है.
नेक में 619 अधिकारी होंगे. इनमें चार चीफ कमिश्नर, 25 प्रिंसिपल कमिश्नर, एक कमिश्नर, 144 अतिरिक्त कमिश्नर, 163 डिप्टी कमिश्नर और 281 आयकर अधिकारी होंगे. ई-गवर्नेंस और व्यापार में आसानी को लेकर इस पहल को पहला प्रभावी प्रशासनिक कदम माना जा रहा है.
सीडीबीटी सदस्य अखिलेश रंजन ने बताया कि नेक का गठन आयकर विभाग के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है. नेक के तहत तहत आठ क्षेत्रीय केंद्रों को मूल्यांकन के मामले दिए जाएंगे. ये केंद्र दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, हैदराबाद, अहमदाबाद, पुणे और बंगलूरू में होंगे.