नई दिल्ली: केंद्र की नरेंद्र मोदी सराकर ने सरकारी कर्मचारियों की पेंशन के नियमों में बदलाव किया है. अब सात साल से कम के सेवाकाल में सरकारी कर्मचारी की मृत्यु पर उसके परिवार के सदस्य अब बढ़ी हुई पेंशन पाने के हकदार होंगे. इसके लिए सरकार ने पेंशन नियमों में संशोधनों को अधिसूचित कर दिया है.
पहले ये था पेंशन का नियम
इससे पहले यदि किसी कर्मचारी की मृत्यु सात साल से कम के सेवाकाल में होती थी, तो उसके परिजनों को आखिरी वेतन के 50 फीसदी के हिसाब से बढ़ी हुई पेंशन मिलती थी, लेकिन अब सात साल से कम के सेवाकाल में मृत्यु होने पर कर्मचारी के परिजन बढ़ी हुई पेंशन पाने के पात्र होंगे.
एक अक्तूबर से लागू होगा नियम
अधिसूचना के अनुसार, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम,1972 में संशोधन को मंजूरी दे दी है. ये नियम केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) दूसरा संशोधन नियम, 2019 एक अक्तूबर, 2019 से लागू होंगे. इसका लाभ केंद्रीय सशस्त पुलिस बल के जवानों की विधवाओं को मिलेगा.
पूरी करने होंगी पारिवारिक पेंशन पाने की शर्तें
सरकारी अधिसूचना में कहा गया है कि ऐसे सरकारी कर्मचारी जिनकी मृत्यु 1 अक्तूबर, 2019 तक दस साल का कार्यकाल पूरा करने से पहले हो जाती है और उन्होंने लगातार सात साल तक का सेवाकाल पूरा नहीं किया है, तो उनके परिजनों को 1 अक्तूबर, 2019 से उप नियम (3) के तहत बढ़ी हुई दर पर पेंशन मिलेगी. इसके लिए पारिवारिक पेंशन पाने की अन्य शर्तों को पूरा करना होगा.
इसमें कहा गया है कि मृत्यु पर ग्रेच्युटी के संदर्भ में ग्रेच्युटी की राशि कार्यालय के प्रमुख द्वारा उसके पूरे सेवाकाल के बारे में जानकारी और सत्यापन के बाद तय की जाएगी. कार्यालय प्रमुख अस्थायी मृत्यु ग्रेच्युटी के भुगतान की तारीख से छह माह के भीतर इस राशि को तय करेगा.
मंत्रालय ने दिया बयान
कार्मिक एवं लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय ने बयान में कहा कि सरकार का मानना है कि पारिवारिक पेंशन की बढ़ी दर किसी सरकारी कर्मचारी के अपने करियर की शुरुआत में मृत्यु होने की स्थिति अधिक जरूरी है, क्योंकि शुरुआत में उसका वेतन भी कम होगा.