ब्यूरो चीफ
रांची: खाद्य, सार्वजनिक वितरण और उपभोक्ता मामलों के मंत्री सरयू राय ने एक बार फिर सरकार पर निशाना साधा है. वे हमेशा अपने ट्वीट के माध्यम से सिस्टम की खामियों को सामने लाते रहे हैं.
इस बार फिर भ्रष्टाचार पर ट्वीट किया है और लिखा है कि काम करते समय, जिम्मेदारी निभाते समय गलतियां हो जाती हैं, पर बताने पर भी सुधार नहीं हो रहा है. सरकार भ्रष्टाचार पर परदा डालने का प्रयास कर रही है. विभागीय मंत्री ने राशन कार्ड, महाधिवक्ता के कारनामे, सत्ता के गलियारे में एक मंत्री की बातें नहीं सुनने के मामले पर बेबाक टिप्पणियां की है. उन्होंने सरकार के सामने गलतियों को रखने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी. व्यवस्था की खामियों को उजागर करने का प्रयास निरंतर जारी भी है.
काम करते समय/ज़िम्मेदारी निभाते समय/निर्णय लेते समय जाने-अनजाने गलती संभव है,मानवीय भूल संभव है.किसी ने यह गलती/भूल/अनियमितता बता दिया और करने वाले ने सुधार लिया तो संभावित भ्रष्टाचार रूक गया. पर बताने पर भी सुधार नही किया,परदा डालने का प्रयास करते रहा तब यह करना भ्रष्टाचार है.
— Saryu Roy (@roysaryu) September 25, 2019
पांच सितंबर को ट्वीट कर लिखा था कि समय होता है बलवान
प्रधानमंत्री ने भ्रष्टाचार के खिलाफ बिगुल फूंक दिया है, कुछ ही दिन बाद झारखंड विधानसभा चुनाव आ रहा है. जिनके दामन पर भ्रष्टाचार के नये-पुराने, छोटे-बड़े दाग हैं, जो जांच में साबित हो गये हैं, जिनपर कार्रवाई दबी पड़ी है. उन्हें समय रहते किनारा कर लेना चाहिए. समय बलवान होता है.
9 सितंबर को अवैध कारनामों पर किया था ट्वीट
राजनीति में परिवारवाद पर प्रधानमंत्री का सतत प्रहार केवल पारिवारिक पदऋंखला तक ही नहीं रूके बल्कि पुत्र, भाई, भतीजा, साला सदृश इनके परिवार के सदस्यों के अवैध आचरण को भी परखें. खास कर जब संविधान-कानून की शपथ लेने वाले अधिकारी इनके अवैध कारनामों को खुला शह देते दिखने लगे है.
25 सितंबर को ट्वीट कर लिखा है कि भ्रष्टाचार पर नहीं लग रहा लगाम
राय ने 25 सितंबर को सरकार के खिलाफ ट्वीट कर लिखा है कि भ्रष्टाचार पर किसी तरह का अंकुश नहीं लग रहा है. इसमें किसी तरह का सुधार भी नहीं हो रहा है. मानवीय भूलों से हुए भ्रष्टाचार के बाबत उन्हें सुधारने के सुझाव भी दिये हैं.