चतरा: विभिन्न मांगों के समर्थन में राजधानी रांची में आंदोलन कर रही आंगनवाड़ी सेविका और सहायिका पर पुलिसिया बर्बरता के मामले में राज्य सरकार हर मोर्चे पर घिरती जा रही है. प्रदेश की विपक्षी पार्टियां अधिकार मांग रही महिलाओं पर बरसी पुलिस की लाठीयों को राजनीतिक मुद्दा बनाकर उसे भुनाने में जुट गई है.
विपक्षी दलों के नेताओं ने इसे राज्य सरकार की विफलता बताते हुए प्रदेश की रघुवर सरकार को आड़े हाथों लिया है. सूबे के पूर्व कृषि मंत्री सह राजद नेता सत्यानंद भोक्ता ने कहा है कि प्रदेश में विकास की नहीं बल्कि गोली और लाठी की सरकार है. बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, महिला सशक्तिकरण व महिला सम्मान की बात करने वाली सरकार आधी आबादी की जुबान गोलियों व लाठियों के सहारे दबाने पर तुली है.
उन्होंने कहा है कि जनता अब जाग चुकी है. आगामी चुनाव में लोग विकास विरोधी सरकार को ईंट का जवाब पत्थर से देंगे. पूर्व मंत्री ने कहा है कि प्रदेश के चहुंमुखी विकास के दावे करने वाली रघुवर सरकार हर मोर्चे पर विफल रही है. यही कारण है कि आज आंगनवाड़ी सेविका, सहायिका, सहिया, पारा शिक्षक व राजस्व कर्मचारी से लेकर विभिन्न विभागों के कर्मी और पदाधिकारी अपने अधिकारों की मांग को ले आंदोलनरत हैं. जिसका सीधा असर प्रदेश में संचालित योजनाओं के क्रियान्वयन पर पड़ने के साथ-साथ आम लोगों के कार्यों के निष्पादन में दिख रहा है.
आम लोग अपने कार्यों के निष्पादन के लिए कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं और सरकार उनके समस्याओं पर ध्यान देने के बजाय अपनी उपलब्धियां गिनाने में लगी हुई है. पूर्व मंत्री ने आंगनबाड़ी सेविकाओं के साथ हुई पुलिसिया बर्बरता पर सवाल खड़ा करते हुए कहा है कि जब प्रदेश में महिला बटालियन और पर्याप्त मात्रा में महिला पुलिस मौजूद है तो सरकार ने किस परिस्थिति में महिलाओं को पुरुषों के हाथों पिटवाया है. अधिकार मांग रही निहत्थी महिलाओं पर पुलिस की यह कार्रवाई सरकार के दोहरे चरित्र को दर्शाती है.उन्होंने कहा है कि अगर इस पूरे मामले में सरकार खुद को निर्दोष मानती है तो दोषी पुलिस पदाधिकारी और कर्मियों पर अब तक कार्रवाई क्यों नहीं हुई.
गौरतलब है कि दो दिन पूर्व अपने विभिन्न मांगों के समर्थन में रांची में आंदोलन कर रही आंगनबाड़ी सेविकाओं पर पुलिस ने बेरहमी से लाठियां बरसाई थी. पुलिस की इस कार्रवाई में सैकड़ों आंगनवाड़ी सेविका और सहायिका गंभीर रूप से जख्मी हो गई थी. जिसके बाद से प्रदेश की राजनीति गरमाई हुई है और सभी विपक्षी पार्टियां सरकार को आड़े हाथों लेते हुए इसे चुनावी मुद्दा बना कर भुनाने में जुट गई है.