संवाददाता,
रांची: राजभवन के समक्ष 40 दिनों से अधिक समय से धरना पर बैठी आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका के साथ बर्बर पुलिसिया कार्यवाही को झारखंड मुक्ति मोर्चा ने गंभीरता से लिया है. प्रतिपक्ष के नेता और पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने इस संबंध में पुलिस महानिदेशक को पत्र लिख कर निहत्थे आंगनबाड़ी सेविका, सहायिका को पीटनेवाले पुलिसकर्मियों को तत्काल बरखास्त करने की मांग की है. उन्होंने सरकार और पुलिस महकमे की कार्यशैली पर सवाल भी खड़ा किया है. उन्होंने कहा है कि घटना स्थल पर उपस्थित पुलिस पदाधिकारी को भी निलंबित किया जाये. उन्होंने कहा है कि 24 सितंबर को पुलिस के लाठीचार्ज किये जाने से पुलिस की छवि धुमिल हुई है और प्रतिष्ठा पर भी दाग लगा है. पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा है कि पुलिस प्रशासन इतनी असंवेदनशील क्यों हो गयी है.
प्रतिपक्ष के नेता ने कहा है कि आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका का आंदोलन कई दिनों से चल रहा है. प्रदर्शनकारी महिलाओं पर पुलिस की बर्बर कार्रवाई और जवानों द्वारा लाठी-डंडों से की गयी बेरहमी अमानवीय कृत्य है. उन्होंने कहा है कि राज्य के पुलिस प्रमुख यह बतायें कि महिला प्रदर्शनकारियों को संभालने के लिए महिला पुलिसकर्मियों को क्यों नहीं लगाया गया था. किस परिस्थिति में पुरुष पुलिस बल द्वारा महिलाओं पर लाठी बरसायी गयी और लात-घूसों से उन्हें पीटा गया. लाठी चार्ज में घायल महिलाओं की प्राथमिक उपचार क्यों नहीं करायी गयी. लाठी चार्ज के दौरान जिस बसंती देवी का हाथ टूट गया, उन्हें चिकित्सा सुविधाएं क्यों नहीं उपलब्ध करायी गयी.