खूंटी: सरकार की महत्वाकांक्षी योजना खूंटी के धरातल पर दिखने लगी है. योजना का नाम है ब्लू रेवोल्यूशन प्लान अर्थात नीली क्रांति. खूंटी के सिलादोन इलाके में जंगलों के बीच एक गांव है लटरजंग, लटरजंग में एक खूबसूरत डैम है जहां सरकार के प्रयास से 25 मत्स्यजीवी किसानों को 90 प्रतिशत अनुदान पर मत्स्यपालन की सभी आवश्यक सुविधाएं दी गयी हैं.
लटरजंग डैम में मत्स्य पालन के लिए कुल 18 बैटरी केज बनाये गए हैं. प्रत्येक बैटरी केज में वियतनाम पंगासियस और मोनोसेक्स तेलापिया प्रजाति की मछलियां छोड़ी गई हैं. इसमें सिर्फ मेल प्रजाति की मछलियां हैं. खाने में इसका स्वाद अन्य मछलियों से अलग है. मछली में लो-फैट, बहुत अधिक मात्रा में प्रोटीन और ओमेगा-3 फैटी एसिड के कारण यह स्वास्थ्य के लिए फायदेमन्द है. दिल के मरीज और हाई बीपी के मरीजों के लिए भी मछली फायदेमन्द है, कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ने से रोकता है.
मत्स्यजीवी ससंग सहयोगी समिति लटरजंग के 25 किसान मत्स्यपालन से जुड़कर अपनी आमदनी दोगुनी करने में जुटे हैं. बहुत कम मेहनत में मत्स्यपालन कर किसान अपनी आर्थिक स्थिति भी बेहतर बनाने में लगे हैं. लटरजंग डैम में मत्स्य पालन से किसानों को प्रति बैटरी केज एक एक लाख रुपये की आमदनी होने की उम्मीद है. मछली खाने में शौकीन ताजे मछलियों का आनंद लेना चाहते हैं तो लटरजंग डैम में सैर सपाटे वोटिंग करते हुए वियतनाम पंगासियस और मोनोसेक्स तेलापिया की खरीददारी ऑन-द-स्पॉट कर सकते हैं. प्रकृति के मनोरम दृश्य का आनंद उठाते हुए सरकार की ब्लू रेवोल्यूशन योजना की जानकारी भी किसानों से मिलेगी.