हजारीबाग: हजारीबाग ऑल इंडिया डीएसओ जिला कार्यालय में शहीद-ए-आजम भगत सिंह 113वीं जयंती मनाई गई. सबसे पहले भगत सिंह के तस्वीर पर पुष्प अर्पण किया गया और एक परिचर्चा की गई. कार्यक्रम की अध्यक्षता जीवन यादव ने की. परिचर्चा में राज्य कमेटी सदस्य राजेश कुमार ने कहा कि भगत सिंह का जन्म 28 सितंबर 1907 में लायलपुर गांव के बंगा नामक स्थान पर हुआ था.भगत सिंह ने कभी यह सोचा भी ना होगा कि उनके जाने के बाद भारत के हालात और बदतर हो जाएंगे जहां बेरोजगारी, भूखमरी गरीबी और शिक्षा ,अत्याचार ,अन्याय चारों तरफ फैल जाएगा. भगत सिंह ने 2 फरवरी 1931 को अपने क्रांतिकारी युवाओं को संबोधित करते हुए पत्र में कहा था कि देश के नौजवानों को पेशेवर क्रांतिकारी बनने की जरूरत है, ताकि वे देश में व्याप्त समस्याओं के खिलाफ लड़ सकें. बचपन से भगत सिंह अंग्रेजों को भारत से भगाना चाहते थे. अपने परिवार वालो के आंखों में आंसू को देखकर अंग्रेजी साम्राज्यवाद के खिलाफ उनके मन में घोर विद्रोह की भावना उत्पन्न हो गई थी. वह विश्व के क्रांतिकारियों के जीवन संघर्षों को पढ़ते थे ताकि वे यह जान सके कि भारत में कैसे क्रांति को अंजाम दिया जाए.
भगत सिंह में राष्ट्रभक्ति की भावना भरी हुई थी. जालियांवाला बाग हत्याकांड के कारण अंग्रेजों के प्रति उनके मन में और घृणा पैदा हो गई ,वह समझते थे कि अंग्रेजों को भगाकर देश को आजाद किया जा सकता है. गांधी जी द्वारा जब असहयोग आंदोलन को वापस लेने के निर्णय ने भगत सिंह को पूरी तरह से बदल दिया और उन्होंने तब यह तय किया कि सिर्फ अंग्रेजों को भगा देना ही सभी समस्याओं का समाधान नहीं है, इसके लिए उन्होंने इंकलाब जिंदाबाद का नारा दिया और बताया कि इंकलाब का अर्थ है वर्तमान समाज में पूरी तरह से परिवर्तन यानी क्रांति है, एक ऐसी क्रांति जो एक ऐसे समाज का निर्माण जिसमें मनुष्य का मनुष्य के ऊपर किसी भी प्रकार का शोषण नहीं होगा. भगत सिंह सिर्फ शासन में बदलाव नहीं चाहते थे, बल्कि वह शोषण हीन समाज के निर्माण के सपने को देखे थे. भगत सिंह और उनके साथी लगातार 119 दिन तक जेल में भूख हड़ताल पर रहे इतने लंबे समय तक संघर्ष करने की ताकत उनमें सिर्फ उनके विचार और आदर्शों के बलबूते ही आ पाई. वह समझ पाए कि आज उनके द्वारा किया गया संघर्ष कल के सुनहरे भविष्य का निर्माण करेगी.
जिला उपाध्यक्ष मोहम्मद फजल ने कहा कि भगत सिंह केवल व्यक्ति नहीं बल्कि एक विचार है जो तब तक संसार में रहेगा जब तक अन्याय शोषण जुल्म का पूरी तरह से खात्मा नहीं हो जाता है. आज के इस कार्यक्रम में मोहम्मद साकिब खान, पूजा कुमारी, नीतू महतो, निवेश मेहता, राजेश कुमार, अन्य साथी उपस्थित थे.