ब्यूरो चीफ,
रांची: रांची विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह अविस्मरणीय रहा. देश के प्रथम नारगिक रामनाथ कोविंद मुख्य अतिथि थे. उनकी सादगी एकबारगी ही सबको अपने ओर आकर्षित कर रही थी. उन्होंने दीक्षांत भाषण में कहा गोल्ड मेडल पाना व्यक्तित्व को परिलक्षित करता है. दीक्षांत समारोह पर उपस्थित पदक विजेताओं का उन्होंने इस्तकबाल करते हुए उन्हें बधाई दी. उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि यहां की बेटियों ने तो एलएलएम किया है…. मैंने तो सिर्फ एलएलबी ही किया है.
सभी विद्यार्थी गोल्ड मेडल पाकर अभिभूत हैं. वे बेस्ट टैलेंट में से एक हैं. तीन हजार बच्चों को उपाधी मिली है. 9 बेटे और 47 बेटियों ने गोल्ड मेडल पाया है. रेशियों देखी जाये तो बेटियां आगे निकल रही हैं. बेटों की तुलना में लगभग पांच गुना. बेटियों को उनकी सफलता पर हार्दिक बधाई. बेटियों के प्रदर्शन से भारत का भविष्य संवरेगा, सजेगा.
मेरे कारण होती है लोगों को कठिनाई
राष्ट्रपति ने कहा कि मेरे कारण लोगों को परेशानी होती है. ट्रैफिक भी बाधित रहती है. पर मैं कुछ नहीं कर सकता. मेरे मूवमेंट को लेकर ये तैयारियां करना प्रोटोकॉल में शामिल है. ट्रैफिक की वजह से जनता को असुविधा होती है. मैं इसलिए हमेशा वैसी जगहों पर जाना चाहता हूं, जहां मूवमेंट कम हो.