मुन्ना कामदा
रांचीः वैसे तो मां दुर्गा की भक्ति में सभी कोई लीन हो चुके हैं. घर में कलश स्थापना कर पूजा हो रही है. दुर्गा पाठ हो रहा है. राजधानी के बड़े-बड़े पूजा पंडालों को अंतिम रूप दिया जा रहा है. पंडालों के पट खुलते ही भक्तों का सैलाब भी मां के दर्शन को उमड़ पड़ेगा. लेकिन राजधानी के कुछ मासूमों की भक्ति बहुत ही निराली है. न कोई चंदा न ही कोई सहयोग. अपने पॉकेट मनी से मां दुर्गा की प्रतिमा बनाकर उनकी अराधना में लीन हो गए हैं.
बच्चों की भक्ति के हर कोई हैं कायल
राजधानी के बीचों बीच मोरहाबादी के एदलहातू में रहने वाले सात से आठ बच्चे सौरभ, नीरज, डेविड, सत्येंद्र, शैलेश, अनिमेश सूरज पिछले तीन साल से दुर्गा की पूजा कर रहे हैं. इन बच्चों की उम्र महज 10 से 14 साल के बीच है. ये बच्चे पूरे विधि विधान के साथ मां दुर्गा की पूजा अर्चना कर रहे हैं.
सुबह में बेचते हैं अखबार, फिर जाते हैं स्कूल
ये बच्चे सुबह में अखबार बेचते हैं. इससे जो कमिश्न मिलता है, उससे वे पढ़ाई पर खर्च करते हैं. साथ ही साल भर कुछ पैसे भी बचाते हैं. इसी पॉकेट मनी से बच्चे मां दुर्गा की मूर्ति बनाते हैं. मां का ऋंगार करते हैं. इन बच्चों की घर की माली हालत भी ठीक नहीं है. लेकिन बच्चों का कहना है कि मां दुर्गा की आशीष कभी न कभी तो बरसेगी ही. मां तो मां ही है.