ब्यूरो चीफ
रांची: झारखंड स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन (जेएससीए) एक अनुठा संगठन है, जहां कई कीर्तिमान स्थापित किये जा रहे हैं. जेएससीए को संचालित करने के लिए प्रबंधन ने 18 उप समितियां बनायी है. इस समितियों में जेएससीए के ही 97 सदस्यों को जवाबदेही सौंपी गयी है. जेएससीए के एफ्लीएटेड स्कूलों की सदस्यता 29 है. सभी सदस्य जमशेदपुर के हैं. जेएससीए में 87 एफ्लीएटेड इकाईयां हैं. यहां सबसे गौर करनेवाली बात यह है कि 2002 से लेकर 2017 तक IPS अधिकारी अमिताभ चौधरी जेएससीए के अध्यक्ष रहे. सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद इन्हें हटना पड़ा. सर्वोच्च न्यायालय ने खेल संगठनों में नौ वर्षों तक एक ही पद पर रहनेवालों को हटाने का आदेश दिया था. इससे पहले 1999 से लेकर 2002 तक संजय सिंह जेएससीए के अध्यक्ष रहे थे. 1935 से लेकर 1999 तक अविभाजित बिहार के समय बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के अधीन जेएससीए था. इस दौरान कुल 14 लोग बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष बने. जिसमें जेजे ईरानी समेत कई गणमान्य ने पद की शोभा बढ़ायी.
जेएससीए परिसर में चल रहे क्रिकेट कंट्री क्लब का रख-रखाव भी जेएससीए फंड से
जेएससीए परिसर में एक क्लब है क्रिकेट कंट्री क्लब, इसके प्रबंध समिति जेएससीए के ही सदस्य हैं. जेएससीए के लाइफ मेंबर की सदस्यता 10 हजार रुपये है, जबकि कंट्री क्रिकेट क्लब की सदस्यता शुल्क पांच लाख रुपये है. कंट्री क्रिकेट क्लब के तत्कालीन सचिव राजीव बधान वर्तमान में जेएससीए कार्यकारिणी के लिए चयनित हुए हैं. सुनील कुमार सिंह जो कोषाध्यक्ष थे, उन्हें भी कार्यकारिणी के चुनाव में जीत मिली है. जेएससीए का चुनाव जीतने के बाद इनसे इस्तीफा दिलवा दिया गया. कंट्री क्रिकेट क्लब की सदस्यता से 5 से 6 करोड़ रुपये आये हैं. पर इसके संचालन और रख-रखाव का पैसा जेएससीए के खाते से ही जाता है. कंट्री क्रिकेट क्लब की बुकिंग शादी-ब्याह में की जाती है. इसके बिजली बिल से लेकर अन्य भुगतान भी जेएससीए की तरफ से ही किये जाते हैं. कंट्री क्रिकेट क्लब की स्थापना 2012-13 में की गयी थी. यह एक स्वतंत्र इकाई है. पर जेएससीए के फंड का उपयोग इसमें किया जाता है. इस पर कई बार अंगूली भी उठायी गयी है. पूर्व रणजी खिलाड़ी जीतू पटेल ने बजाप्ता प्रेस कांफ्रेंस कर कंट्री क्रिकेट क्लब की कारगुजारियों को उजागर किया था. सूत्रों का कहना है कि कंट्री क्रिकेट क्लब में जेएससीए के फंड को शिफोन कर क्लब के माध्यम से खर्च किया गया. जानकारी के अनुसार जेएससीए ने इसके लिए 53 करोड़ रुपये के फिक्सड डिपाजिट को भी तोड़ दिया. फिक्सड डिपाजिट से 20 करोड़ रुपये तोड़ दिये गये. यह अपने आप में सवाल है.