खास बातें:-
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कांग्रेस ने झारखंड की पहचान भ्रष्टाचार के रूप में स्थापित किया था.
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आपने जिस गरीब को प्रधानमंत्री बनाया वह वंशवाद से नहीं आया.
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पूछें कांग्रेस और जेएमएम से कोलेबिरा का विकास क्यों नहीं हुआ.
रांचीः सीएम रघुवर दास ने कहा कि सोने की चम्मच से दूध पीने वाले नेता प्रतिपक्ष क्या जाने गरीबी क्या होती है. आदिवासियों की पीड़ा क्या है. वंशवाद की राजनीति करने वाली कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा को गरीबी दूर करने से कोई सरोकार कभी नहीं रहा. ग्राम पंचायत से सांसद तक दशकों राज करने वाली कांग्रेस पार्टी, झारखंड की पहचान भ्रष्टाचार के रूप में बनाने वाली कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा से आप पूछें सिमडेगा, कोलेबिरा में गरीबी क्यों है, यहां का विकास क्यों नहीं हुआ. लेकिन आप सभी ने 2014 में एक गरीब को देश का प्रधानमंत्री बनाया. वह वंशवाद की राजनीति से निकल कर नहीं आया है. उसने गरीबी को जिया है अनुभव किया है. यही वजह है कि सरकार की सभी योजनाएं गांव, गरीब, किसान को केंद्रित कर बनाया गया है.
डबल इंजन की सरकार के फायदा आपको मिल रहा है
केंद्र और राज्य में भारतीय जनता पार्टी की सरकार का फायदा यहां के लोगों को मिल रहा है. उज्जवला योजना के तहत गरीब परिवारों को गैस सिलेंडर के साथ-साथ मुक्त चुना और दूसरा रिफिल भी निशुल्क दिया जा रहा है. ऐसा करने वाला झारखंड देश का पहला राज्य है. किसानों की समृद्धि के लिए केंद्र सरकार किसान सम्मान निधि योजना एवं राज्य सरकार मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना से किसानों को लाभान्वित कर रही है. इन दोनों योजनाओं के तहत राज्य के 35 लाख किसानों को न्यूनतम 11हजार व अधिकतम 31 हजार रुपये का लाभ दिया जा रहा है. मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना के तहत किसानों को प्रथम किस्त मिल चुका है. शेष निबंधित 12 लाख किसानों को भी पहली किस्त प्राप्त होगी. आयुष्मान भारत योजना के तहत राज्य के लोगों का 5 लाख का बीमा सुनिश्चित किया गया, जिसका लाभ लोगों को मिल रहा है.
गरीबी दूर करने में शिक्षा सहायक होगा
गरीबी दूर करने के लिए सिमडेगा समेत पूरे झारखण्ड के प्रत्येक घर के प्रत्येक सदस्य को शिक्षा ग्रहण करनी होगी. माता-पिता अपने बच्चों को अवश्य शिक्षा से आच्छादित करें. यह बच्चों में जागरूकता का संचार करेगा. माता पिता बच्चियों की शिक्षा पर भी ध्यान दें. सरकार बच्चियों के लिए सुकन्या योजना चला रही है. योजना के माध्यम एक बच्ची की पढ़ाई से उसकी विदाई तक सरकार 70 हजार रूपये खर्च कर रही है.