रांचीः झारखंड में मीट-मुर्गा खानो वालों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि हुई है. वहीं सब्जियों के उत्पादन में काफी गिरावट आई है. राज्य सरकार के आंकड़ों के अनुसार पिछले नौ साल में मीट-मुर्गा (मांस) की खपत 10.79 हजार मिट्रिक टन बढ़ गई है. 2009-10 में मीट की खपत 46.76 हजार मिट्रिक टन थी, जो अब बढ़कर 57.55 हजार मिट्रिक टन हो गई है. इसी तरह 2012-13 में मछली का उत्पादन 96.6 हजार मिट्रिक टन था, जो अब बढ़कर 190 हजार मिट्रिक टन हो गया है. मछली उत्पादन में कुल 61.4 फीसदी की वृद्धि हुई है. अंडा की भी खपत बढ़ गई है. इसका अंदाजा राज्य सरकार के आंकड़े से लगाया जा सकता है. 2009-10 में अंडा का उत्पादन 3930 हजार टन था, जो अब बढ़कर 5531.80 हजार मिट्रिक टन हो गया है. कुल 1601.88 हजार मिट्रिक टन की वृद्धि हुई है.
सब्जियों के उत्पादन में 15.97 फीसदी की कमी
सब्जियों के उत्पादन में 15.97 फीसदी की कमी आई है. तीन साल पहले 323.25 मिट्रिक टन था, जो अब घटकर 307.28 मिट्रिक टन रह गया है. झारखंड में प्याज का उत्पादन 292.58 मिट्रिक टन था, जो अब घटकर 289.04 मिट्रिक टन ही रह गया है. इस हिसाब से 3.54 मिट्रिक टन उत्पादन में कमी आई है. भिंडी, खीरा, बीन, गोभी, प्याज सहित अन्य सब्जियों की उपज में 3.54 मिट्रिक टन से 149 मिट्रिक टन तक की गिरावट आई है. करैला के उत्पादन में भी कोई वृद्धि नहीं हुई है. 2017-18 में 293.53 हेक्टेयर में सब्जी की खेती हुई थी, जो 2018-19 में घटकर 289.2 हेक्टेयर हो गया.
फलों के उत्पादन में भी 5.15 मिट्रिक टन की गिरावट आई
फलों के उत्पादन में भी 5.15 मिट्रिक टन की गिरावट आई है. आम का उत्पादन 438.54 मिट्रिक टन था, जो घटकर 435.85 मिट्रिक टन हो गया है. इसके उपज में 2.69 मिट्रिक टन उत्पादन में गिरावट आई है. केला का भी उत्पादन घट गया है. पहले 33.27 मिट्रिक टन केला का उत्पादन होता था, जो घटकर 32.05 मिट्रिक टन हो गया है. इसी तरह अन्य फलों का उत्पादन 104.49 मिट्रिक टन से घटकर 99.34 मिट्रिक टन हो गया है.
साल दर साल कितनी बढ़ी मीट खानों वालों की संख्या
वर्ष | अंडा | मीट |
2009-10 | 3930 हजार टन | 46.76 हजार टन |
2010-11 | 4153.16 हजार टन | 43.76 हजार टन |
2011-12 | 4294.48 हजार टन | 45.95 हजार टन |
2012-13 | 4238.95 हजार टन | 44.52 हजार टन |
2013-14 | 4444.99 हजार टन | 45.47 हजार टन |
2014-15 | 4663.17 हजार टन | 47.87 हजार टन |
2015-16 | 4832.84 हजार टन | 50.71 हजार टन |
2016-17 | 5103.37 हजार टन | 54.73 हजार टन |
2017-18 | 5220.41 हजार टन | 55.19 हजार टन |
2018-19 | 5531.88 हजार टन | 57.55 हजार टन |