संवाददाता,
रांची: भारतीय कम्युनिष्ट पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर समान विचारधारा वाले दलों और विपक्ष के साथ सीट शेयरिंग पर गंभीरता पूर्वक विचार कर रही है. पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव डी राजा ने रांची में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि यदि गंठबंधन सफल रहा, तो पार्टी झारखंड के छह सीटों पर चुनाव लड़ेगी. गंठबंधन नहीं होने पर पार्टी अपने बूते 19 सीटों पर चुनाव लड़ेगी.
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के नीतियों के कारण देश आर्थिक संकट से गुजर रहा है. देश के अंदर कल कारखाने बंद हो रहे है. मजदूरों की छंटनी हो रही है, परंतु मोदी सरकार सिर्फ और सिर्फ आरएसएस के एजेंडे पर आगे बढ़ते हुए हिंदुत्व के नाम पर वोट की राजनीति कर रही है. केंद्र की मोदी सरकार हिंदू-मुस्लिम के नाम पर लोगों को लड़ा रही है. मोहन भागवत मॉब लिंचिंग और सेक्यूलरिज्म को विदेशी शब्द कह कर नकारते हैं, तो दूसरी तरफ एफडीआई को स्वागत कर रहे है. यानी आरएसएस के इशारे पर देश को चलाना राष्ट्र हित में नहीं हैं. वामदलों के लोगों ने राष्ट्रव्यापी आर्थिक संकट के विरोध में आंदोलन की तैयारी की है.
उन्होंने कहा कि वामपंथी एकजुटता आज भी बनी हुई है. पार्टी के राज्य सचिव भुवनेश्वर प्रसाद मेहता ने संबोधित करते हुए कहा कि आगामी होने वाले झारखंड विधानसभा के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी एवं उसके गठबंधन को हराने के लिए सभी धर्मनिरपेक्ष पार्टियों को एक मंच पर आना चाहिए. राज्य की सबसे बड़ी विपक्ष की पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा को पहल करनी चाहिए और सभी को सम्मानजनक समझौता के तहत चुनाव लड़कर, भारतीय जनता पार्टी के समर्थकों को हराना चाहिए. दो दिनों के प्रवास के दौरान डी राजा ने पार्टी कार्यकर्ताओं से क्षेत्र में मीटिंग सभा एवं चुनाव से संबंधित सारे कार्यक्रमों को तेज करने का निर्देश दिया.