भारत की अर्थव्यवस्था मंदी के दौर से गुजर रही है. घरेलू मांग की कमी ने निवेशकों के हौसले पस्त कर रखे हैं. जिसका नतीजा है कि कई अंतर्राष्ट्रीय एंजिसियों ने भारत की ग्रोथ रेट घटा दी है. वर्ल्ड बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की विकास दर का अनुमान घटाकर 6 फीसदी कर दिया है. हालांकि 2021 में इसमें सुधार के भी संकेत दिए हैं. 2021 में जीडीपी ग्रोथ 6.9 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है. वहीं, 2022 में विकास दर 7.2 फीसदी तक हो सकती है.
आईएमएफ और मूडीज ने भी घटाया ग्रोथ रेट का अनुमान
इसी हफ्ते IMF ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट अनुमान घटा दिया था. IMF ने अब विकास दर का अनुमान 0.30 फीसदी घटाकर 7 फीसदी कर दिया है. उससे पहले रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने भारत का ग्रोथ रेट का अनुमान 6.8 फीसदी से घटाकर 6.1 फीसदी कर दिया था.
वहीं, रेटिंग एजेंसी मूडीज ने भी भारत की ग्रोथ रेट को कम कर दिया है. फाइनेंशियल इयर 2019-20 के लिए मूडीज ने भारत की जीडीपी ग्रोथ को 6.2 से घटाकर 5.8 फीसदी कर दिया है. वहीं, 2020-21 में वृद्धि अनुमान 6.6 फीसदी है जिसके आने वाले वर्षों में बढ़कर 7 फीसदी तक पहुंचने की संभावना है.
आईएमएफ और वर्ल्ड बैंक की सालान बैठक जल्द होने वाली है. इस रिपोर्ट को ठीक उससे पहले प्रकाशित किया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक भारत की ग्रोथ रेट में लगातार दूसरे साल गिरावट आई है. बता दें, 2017-18 में ग्रोथ रेट 7.2 फीसदी रही थी, जो 2018-19 में घटकर 6.8 फीसदी पर पहुंच गई. इस वित्त वर्ष में यह घटकर 6 फीसदी पर पहुंच चुकी है.