थराली: उत्तराखंड के थराली में बीते कल देवाल के दूरस्थ क्षेत्र बलाण में हुई सड़क दुर्घटना में 10 लोगों की मौत हो गई और इस दुर्घटना की खबर प्रशासन तक पहुंचने में दो घंटे लग गए. ऐसे में जिन घायलों की बचने की उम्मीद भी थी, देरी के कारण उन्होंने दम तोड़ दिया. दरअसल, देवाल से आगे घेस घाटी में आज भी संचार की कोई सुविधा नहीं है.
यहां से कोई भी सूचना देने के लिए 30 किमी दूर सवाड़ के नजदीक आकर ही कनेक्टिविटी मिल पाती है. रविवार को हुई दुर्घटना की सूचना देने के लिए ग्रामीणों को दुर्घटनास्थल से 30 किमी दूर सवाड़ आना पड़ा. तब जाकर प्रशासन व 108 से संपर्क हो पाया.
सूचना के बाद प्रशासन को यहां पहुंचने में ही दो घंटे लग गए. सड़कों की बदहाल स्थिति के चलते यहां पर वाहन 20 किमी प्रति घंटा से अधिक की रफ्तार से नहीं चल सकते. इस कारण भी प्रशासन की टीम को दुर्घटनास्थल तक पहुंचने में देर हो गई.
यदि बलाण गांव के आसपास संचार की सुविधा होती तो तत्परता दिखाते हुए घायलों को समय पर अस्पताल ले जाया जा सकता था, लेकिन नेटवर्क की सुविधा नहीं होने से राहत एवं बचाव कार्य में काफी देरी हुई. एक घायल ने तो अस्पताल पहुंचने से पहले ही रास्ते में दम तोड़ दिया.
दुर्घटना का कारण जहां वाहन असंतुलन होना बताया जा रहा है वहीं कुछ घायलों का कहना है कि सड़क की स्थिति भी बदहाल है और सड़क में गहरे गड्ढे और मलबा होने के चलते वाहन असंतुलित हो जाते हैं. डीएम ने अस्पताल में जाकर घायलों का हालचाल जाना.