ब्यूरो चीफ,
रांची: झारखंड सरकार ने गैर मजरूआ जमीन (मालिक, आम, खास), बकास्त भूमि और अन्य का ऑनलाइन रसीद काटने का नया फॉरमुला इजाद किया है. विभाग की तरफ से कहा गया है कि सभी जिलों में 1.1.1946 के पूर्व निबंधित दस्तावेजों की सही तरीके से जांच करने के बाद ही उपरोक्त जमीन का लगान रसीद काटा जाये. इस तिथि के पहले विक्रय पर, पट्टा, हुकुमनामा के आधार पर गैर मजरूआ भूमि की जमाबंदी की जांच सुनिश्चित करने का काम हल्का कर्मचारी से लेकर अंचल अधिकारी का होगा. ये सभी संबंधित कर्मचारी और अधिकारी सत्यता की जांच करने के बाद स्वंय रजिस्टर-2 के पन्नों का प्रमाणीकरण भी करेंगे. सरकार की तरफ से कहा गया है कि ऑनलाइन रसीद नहीं काटे जाने की कई तरह की शिकायतें मुख्यालय में आ रही हैं. इसके लिए जिला स्तर पर, अनुमंडल स्तर पर और अंचल स्तर पर कार्रवाई करने की आवश्यकता है. कई जगहों पर पाया गया है कि गैर मजरूआ खास भूमि की जमाबंदी अनुमंडल पदाधिकारियों द्वारा भी की गयी है. ऐसे सभी मामलों की जांच अंचल अधिकारी खुद करेंगे. जांच में जमाबंदी सही पाये जाने की रिपोर्ट भूमि सुधार उप समाहर्ता स्तर के अधिकारी को एक सप्ताह में अंचल अधिकारियों को करना जरूरी होगा. एलआरडीसी की जांच के बाद यह रिपोर्ट अनुमंडल पदाधिकारी को भेजी जायेगी.
एनआइसी के माध्यम से पंजी-2 और अन्य दस्तावेजों का होगा प्रमाणीकरण
विभागीय आदेश में कहा गया है कि रजिस्टर-2 यानी पंजी-2 की प्रविष्टियों की जांच एनआइसी के माध्यम से की जायेगी. इसमें अंचल अधिकारी की रिपोर्ट आने के बाद अपर समाहर्ता स्तर के अधिकारी अपनी जांच करेंगे. संबंधित पंजी-2 का मिलान और सत्यापन अंचल अधिकारी की उपस्थिति में किया जायेगा.
जमींदारी प्रथा के दौरान बेची गयी जमीन के रसीद काटने में हो रही अधिक परेशानी
सरकार का कहना है कि जमींदारी प्रथा के दौरान बेची और खरीदी गयी जमीन की रसीद काटने में अधिक परेशानी हो रही है. 1.1.1946 के पूर्व रजिस्टर्ड डीड, इंस्ट्रूमेंट से गैर मजरूआ भूमि का ट्रांसफर, बंदोबस्त करने के कई रिकॉर्ड भी सरकार के पास नहीं हैं. कई मामलों में यह भी पाया जा रहा है कि 1956 तक जमींदार ही खरीदी अथवा बेची गयी जमीन का लगान रसीद काटते रहे हैं. 1955-56 के पूर्व भूमि का हस्तांतरण निबंधित रैयत के साथ किये जाने पर इससे पहले के जमींदार द्वारा निर्गत रसीद, रजिस्टर्ड डीड का होना जरूरी किया गया है. विक्रय पत्र, पट्टा, हुकुमनामा के आधार पर रजिस्टर-2 को संधारित करने की भी जानकारी दी गयी है.