ब्यूरो चीफ,
रांची: झारखंड में बड़े बालू घाटों की नीलामी की प्रक्रिया अब तक शुरू नहीं की गयी है. राज्य सरकार की एजेंसी झारखंड राज्य खनिज विकास निगम (जेएसएमडीसी) को बालू की बिक्री का नोडल एजेंसी बनाया गया है. राज्य भर की सभी नदियों से इसके लिए बालू का उठाव करने और उसे बालू के स्टॉक यार्ड तक पहुंचाने के लिए निगम ट्रांसपोर्टरों को हायर कर रहा है. अब तक पांच हेक्टेयर से कम तक के बालू घाटों से ट्रांसपोर्टेशन की प्रक्रिया को पूरा कर लिया गया है. जल्द और 49 घाटों से बालू की ढुलाई की सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली जायेंगी. यहां यह बता दें कि राज्य भर में 656 बालू घाट हैं. इनमें से सरकार ने अब तक 215 से अधिक छोटे घाटों से बालू के उठाव को अंतिम रूप दे दिया है. अन्य 450 घाटों के संबंध में खान विभाग और जेएसएमडीसी की तरफ से निर्णय नहीं लिया गया है.
कल समाप्त होगा एनजीटी का प्रभावकारी आदेश
15 अक्तूबर 2019 को राज्य भर के बालू घाटों से बालू का उठाव संबंधी नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल का आदेश समाप्त होगा. जून माह में एनजीटी ने बालू घाटों से बालू के उठाव पर पाबंदी लगा दी थी. इसके बाद से ही जेएसएमडीसी ने बालू घाटों से बालू उठाव की निविदा को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया शुरू की थी. राज्य भर के 24 जिलों में बड़े और छोटे बालू घाट और नदियों के तटों का चिह्नितिकरण भी किया गया था. इतना ही नहीं सभी जिलों के जिला खनन पदाधिकारी और सहायक खनन पदाधिकारियों को बालू घाटों से बालू के उठाव का माइनिंग प्लान एप्रूव करने का आदेश दिया था.
क्या कहते हैं खान एवं भूतत्व सचिव
खान एवं भूतत्व सचिव अबू बकर सिद्दीकी ने बताया कि एनजीटी से बड़े बालू घाटों को लेकर पर्यावरण का क्लीयरेंस नहीं मिला है. पर्यावरण का क्लीयरेंस मिलते ही इन घाटों से बालू उठाव की प्रक्रिया शुरू कर दी जायेगी. बड़े बालू घाटों का सीमांकन और उसे चिह्नित करने का काम पूरा कर लिया गया है.