रांची: वामदलों के देशव्यापी साझा अभियान के तहत भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा), भारत की कम्युनिस्ट पार्टी-मार्क्सवादी (माकपा), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी माले (भाकपा माले) व मार्क्सवादी समन्वय समिति (मासस) के कार्यकर्ताओं ने आज राजभवन मार्च की. यह मार्च देश मे व्याप्त आर्थिक मंदी, महंगाई, सार्वजनिक क्षेत्रों के निजीकरण, बेरोजगारी, किसानों की बदहाली व श्रम कानूनों में मालिक पक्षीय संशोधन के खिलाफ आयोजित किया गया था.
राजभवन मार्च का प्रारंभ शहीद चौक से हुआ था. मार्च में शामिल कम्युनिस्ट कार्यकर्ता मोदी सरकार की कारपोरेट परस्त नीतियों को नारे के जरिये अपने निशाने पर ले रहे थे. साथ ही देश में टूट रही साझी संस्कृति के लिए मोदी सरकार पर हमले कर रहे थे. मार्च का नेतृत्व भाकपा के जिला सचिव अजय कुमार सिंह, माकपा के जिला सचिव सुखनाथ लोहरा, भाकपा माले के शुभेंदु सेन व मासस के सुशांतो मुखर्जी संयुक्त रूप से कर रहे थे.
मार्च राजभवन के समक्ष पहुंच कर जन सभा में तब्दील हो गयी, जिसकी अध्यक्षता व संचालन एटक नेता लालदेव सिंह ने किया. जनसभा में सबसे पहले मार्च के जरिये दिये जाने वाले ज्ञापन को सुखनाथ लोहरा ने पढ़ कर सुनाया. सभा को सम्बोधित करते हुए भाकपा के राज्य सचिव भुवनेश्वर प्रसाद मेहता ने कहा कि देश में बरोजगारी पिछले 70 साल में सबसे अधिक हुई है. वहीं किसानों की हालत भी बदहाल हुआ है. इन सब बातों से जनता का ध्यान भटकाने के लिए कभी धारा 370 तो कभी मोब लिंचीग जैसी कार्रवाई सरकार के संरक्षण में करायी जा रही है. सभा को माकपा के राज्य सचिव जी.के. बख्शी व भाकपा माले के राज्य सचिव जनार्दन प्रसाद ने भी सम्बोधित किया. सभा के बाद वामदलों का प्रतिनिधि मंडल ने प्रधानमंत्री के नाम एक ज्ञापन रांची के उपायुक्त को सौंपा.
मार्च में सीटू के राज्य सचिव प्रकाश विप्लव, किसान नेता प्रफुल्ल लिंडा, महिला नेत्री वीणा लिंडा, भाकपा के सूबेदार राम, उमेश नज़ीर, मेहुल मृगेन्द्र, अनीस, ललन सिंह, मनोज ठाकुर, केवला उरांव, लक्ष्मी लोहरा सहित कई लोग सक्रिय भागीदारी निभाई.
प्रमुख मांगे
- रोजगार पैदा करने के लिए सार्वजनिक निवेश को बढ़ाया जाए जब तक रोजगार नहीं मिलता केंद्र सरकार युवाओं को रोजगार बेरोजगारी भत्ता दे.
- सरकार ₹18000 न्यूतन वेतन सुनिश्चित करें.
- सरकार को उन कामगारों के लिए जीने नौकरी से निकाल दिया गया है गुजारा लाइक मासिक मजदूरी सुनिश्चित किया जाए.
- सार्वजनिक क्षेत्र का निजीकरण बंद रक्षा और कोयला क्षेत्र मैं 100% एफ डीआई को वापस लिया नेशनल आयुध कारखानों भारतीय रेलवे एयर इंडिया आदि का बड़े पैमाने पर निजीकरण की कार्रवाई बंद की जाए.
- मनरेगा के लिए आवंटनको बढ़ाया जाए ताकि पिछले बकाया का भुगतान सुनिश्चित हो सके और निर्धारित न्यूनतम मजदूरी और न्यूनतम 200 दिनों का काम उपलब्ध कराया जा सके.
- कृषि संकट को दूर करने के लिए किसानों को क्यों बढ़ती आत्महत्या के मद्दे नजर किसानों को कर्ज एकमुश्त. माफी दी जाए और कृषि उपजो लिए लागत से कम से कम डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित कर उसे लागू किया जाए.
- न्यूनतम वृद्धावस्था विधवा पेंशन को बढ़ाकर ₹3000 महीना किया जाए.
- वन अधिकार कानून की पूर्ण हिफाजत की जाए आदिवासी सहित अन्य गरीबों को van अधिकार का पट्टा दिया जाए और सालो से पीढ़ियों से निवास कर आदिवासी एवम अन्य निवासियों को अतिक्रमणकरी कह कर हटाए जाने की प्रक्रिया रोक लगाई जाए.