ब्यूरो चीफ,
रांचीः राज्य के नेता प्रतिपक्ष और झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने गरीबों को अब तक कंबल नहीं बांटे जाने पर चिंता जतायी है. उन्होंने कहा है कि बड़बोली सरकार ने 30 सितंबर 2019 तक ही सभी जिलों में कंबल बांटने का निर्णय लिया गया था. नेता प्रतिपक्ष बीएनएन भारत के ब्यूरो चीफ दीपक से दूरभाष पर बताया कि सामाजिक सुरक्षा विभाग की तरफ से यह काम सभी जिलों के जरिये कराने का निर्णय का आदेश दिया गया था. इस बार 30 करोड़ से अधिक का कंबल गरीबों के बीच बांटा जाना तय किया गया था. उन्होंने कहा कि कंबल घोटाले का सच अब बाहर लाना जरूरी है.
उन्होंने कहा कि झारखंड राज्य खादी ग्रामोद्योग आयोग के जरिये कंबल खरीदने का फैसला लिया गया था. उस समय रेणु गोपीनाथ को राज्य सरकार ने झारक्राफ्ट का सीइओ बना दिया. स्नातक उत्तीर्ण रेणू का पैकेज 1.80 लाख रुपये प्रति माह तय किया गया था. झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा है कि रेणू गोपीनाथ से अधिक पढ़े-लिखे नौजवान छंट गये. उन्होंने कहा कि रेणू पर सरकार की मेहरबान अधिक क्यों है. इसका खुलासा किये जाने की जरूरत है. उन्होंने आरोप लगाया कि कंबल घोटाले की रूपरेखा पहले से ही तैयार कर ली गयी थी. उन्होंने कहा कि आखिर कब तक ठंड से ठीठुर कर मरनेवाली गरीब जनता को न्याय मिलेगा. सरकार शिक्षक बहाली में बीए और बीएड मांगती है. पर झारक्राफ्ट के सीइओ में क्या हुनर थी, जिसे सबने नजरअंदाज कर दिया.