जितनारायण शर्मा,
गोड्डा: झारखंड राज्य में जब से विधानसभा चुनाव की बात सामने आई है तमाम पार्टियां चुनाव प्रचार को लेकर तैयारी में जुटती दिखाई दे रही है. जनता को रिझाने व उनके बीच अपनी छवि को बरकरार रखने को लेकर संभावित प्रत्यशियों में होड़ लगना आम सा हो गया है. नेता लगातार संपर्क कर रहे हैं बात चाहे भाजपा के क्षेत्र में प्रचार प्रसार करने की हो या विपक्ष में खड़ी राजनीतिक पार्टियों की, कोई भी इस दौड़ में पीछे नहीं छूटना चाहता. चुनाव के मद्देनजर पार्टियां अलग अलग नाम से जन सभाएं आयोजित कर जनता को लुभाने में लगी है. ऐसा एक दो नहीं बल्कि गोड्डा के तीनों विधानसभा क्षेत्रों के देखा जाना लाजमी है. किंतु इस दफे पोड़ैयाहाट विधानसभा का माहौल कुछ बदला बदला दिखाई दे रहा है. जनता परिवर्तन के मूड में है. जनता किसी भी सूरत में इस बार विकास से समझौता नहीं करना चाहती उनका साफ कहना है कि हम वैसे जनप्रतिनिधि को अपना विधायक बनाएंगे जो क्षेत्र का वास्तविक विकास करेगा. इस बार कोरे वादे करने वाले जनप्रतिनिधि को जनता विधायक चुनने के मूड में नहीं है. इस बार इस विधानसभा से कई नए प्रत्याशी के सामने आने की संभावना है किंतु एक नाम सभी के जुबान पर आ रहा है वह है सिमोन मरांडी का.
मालूम हो कि यह वही सिमोन मरांडी है जिन्होंने दो बार जनता का प्रतिनिधित्व किया है. पहली बार 2010 में पोड़ैयाहाट पूर्वी से जिला परिषद बनकर तथा दूसरी बार 2015 में लाठीबाड़ी पंचायत से मुखिया का चुनाव जीतकर. बतौर जनता उनका कार्यकाल काफी अच्छा है. उन्होंने दोनों पदों में रहकर क्षेत्र का अपेक्षाकृत विकास किया है. सिमोन मरांडी उनके दुख दर्द में खड़े रहते हैं यही कारण है कि इस बार क्षेत्र की जनता उनका भरपूर साथ देती दिखाई दे रही है. किंतु यह तो वक्त बताएगा की परिणाम किसके पक्ष में जाएगा. क्योंकि इस सीट पर पिछले चार टर्म से जेवीएम के कद्दावर नेता प्रदीप यादव का दबदबा बरकरार है,
तो दूसरी तरफ भाजपा के देवेंद्र नाथ सिंह पिछले विधानसभा चुनाव में प्रदीप यादव से काफी करीबी अंतर से पराजित हुए है. ऐसे में सिमोन मरांडी का लोकप्रिय होना जनता के विश्वास जीतने जैसा है. आज हम इसी कड़ी में सिमोन मरांडी व उनके राजनीतिक जीवन पर विस्तार से चर्चा करेंगे.
शुरुआती जीवन
पोड़ैयाहाट विधानसभा में क्षेत्र में लोकप्रिय प्रतिनिधि बनकर उभरे सिमोन मरांडी वर्तमान में लाठी बाड़ी पंचायत के मुखिया हैं. इनका जन्म पोड़ैयाहाट प्रखंड अंतर्गत रघुनाथपुर में 1975 में हुआ है. इनकी शिक्षा-दीक्षा जिला मुख्यालय स्थित गोड्डा कॉलेज से हुई है,जहां इन्होंने 12वीं की परीक्षा उतीर्ण की और राजनीतिक जीवन मे आ गए.
पारिवारिक जीवन
सिमोन मरांडी का परिवार प्रारंभिक दिनों में दुखों से भरा रहा. पिता कालेश्वर मरांडी किसान है तथा माता तारा टुडू गृहिणी है. सिमोन बचपन से ही काफी स्वाभाविक विचार वाले व्यक्ति रहे हैं .उनके व्यक्तित्व से पंचायत वासी काफी खुश दिखाई दे रहे हैं.
राजनीति में कैसे आये सिमोन
सिमोन मरांडी ने हीं चर्चा में बताया कि युवा अवस्था से ही वह राजनीति के प्रति काफी सक्रिय थे. उन्होंने 1995 से ही अपने क्षेत्र में लोगों का प्रतिनिधित्व करना प्रारंभ कर दिया था. वह मानते हैं की राजनीति की शुरुआत सर्वप्रथम अपने समाज से होनी चाहिए. एक वाकये को याद करते हुए उन्होंने कहा कि जब गांव में झगड़ा फसाद होता था और लोग थाना पुलिस के चक्कर में रहते थे. तो उन्होंने तब नव युवकों की एक टीम बनाकर अपने क्षेत्र में व्याप्त आपसी झगड़ों को बैठक के माध्यम से सुलझाने का काम किया. यहीं से लोगों ने उन्हें पसंद करना प्रारंभ कर दिया. सर्वप्रथम उन्हें गांव के दुर्गा पूजा समिति का अध्यक्ष बनाया गया और बाद में लोगों के कहने पर है उन्होंने 2010 में पोड़ैयाहाट पूर्वी सीट से जिला परिषद का चुनाव लड़ा. इस चुनाव में उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी पुष्पेंद्र टुडू को 14000 मतों से पराजित कर दिया. इतनी बड़ी जीत मरांडी के लोकप्रियता को सहज रूप से दर्शाती है.
कैसा रहा राजनीतिक जीवन
बाबूलाल मरांडी को अपना आदर्श मानने वाले सिमोन मरांडी 1995 से राजनीति में सक्रिय है. 2010 में जिला परिषद और 2015 के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में मुखिया बन कर क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते आ रहे हैं. वह कहते हैं की 2015 में जब जिला परिषद में पोड़ैयाहाट पूर्वी के लिए महिला के लिए सीट आरक्षित कर दिया गया तब उन्होंने इलेक्शन नहीं लड़ने का मन बनाया. किंतु उनकी लोकप्रियता क्षेत्र में इस प्रकार रही कि लोगों ने उन्हें चुनाव लड़ने का दबाव बनाया इसी का परिणाम था कि लाठीबाड़ी पंचायत के मुखिया के रूप में वर्तमान में कार्यरत है.
कुछ यूं रहा क्षेत्र का विकास
मरांडी ने बताया कि जिला परिषद रहते उन्होंने क्षेत्र का काफी विकास किया. जिसमें मूलभूत आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए बांझी पंचायत में सड़क, धाबरनी में पुलिया निर्माण,घाघराबांध में डाक बंगला सहित अगिया मोड़ में कटरा का निर्माण करवाया. सभा भवन की आवश्यकता को देखते हुए उन्होंने जिला परिषद क्षेत्र में सभा भवन का भी निर्माण करवाया. मुक्तिधाम का निर्माण सहित सरकार से आधे दाम में 100 पम्पिंग सेट का भी वितरण किया. जबकि मुखिया रहते हुए उन्होंने अब तक 350 लाभुकों को पीएम आवास, 250 लाभुकों को पेंशन का लाभ पहुंचाया. क्षेत्र में 19 जलकूप का निर्माण करवाया जिससे वर्तमान में किसान सिंचाई कर पा रहे है. वहीं 10 सड़क का निर्माण भी कराया, बरसाती पानी रोकने के लिए ड्रम चेक डैम का निर्माण कराना, लूज बोल्डर चेक डैम बनवाना, मेड़बंदी का निर्माण उनकी प्राथमिकता रही. मिट्टी के बहाव को रोकने के लिए ईजीपी का निर्माण भी करवाया गया. इतना ही नहीं खेती को बढ़ावा देने के लिए उन्होंने किसानों के बीच 30 क्विंटल ओल का बीज वितरित किया. साथ ही प्रत्येक घर को आम अमरूद जैसे फलदार वृक्ष देकर उनकी मदद की गई. आर्थिक मजबूती को लेकर 8 जगहों में सोजिना (साजन) के 1000 पौधे लगवाए गए, जिससे मजदूरों के आए में बढ़ोतरी हुई. मछली पालन में उन्होंने गरीबों को मुफ्त में बीज, चारा, चुना आदि मुहैया कराया. जबकि 607 लोगों का बैंक में खाता खुलवाया गया. रोजगार को बढ़ावा देने के लिए उन्होंने 487 किसानों को कुटीर उद्योग के उद्देश्य से केसीसी ऋण दिलवाया. स्वच्छ भारत मिशन के तहत 324 शौचालय का निर्माण कराकर क्षेत्र को खुले में शौच से मुक्त बनाया. तीन सभा भवन,40 पन सोखा निर्माण कराना क्षेत्र में इनके द्वारा किये गए विकास को दर्शाता है.
धनबल से नहीं बल्कि जन बल से जीतेंगे चुनाव :सिमोन
चर्चा में सिमोन मरांडी ने बताया कि अभी चुनाव का पैटर्न बदल गया है. पार्टियां अपने पक्ष में वोट कराने को लेकर काफी धनबल का प्रयोग कर रही हैं. किंतु हमें इस पैटर्न को बदलने की आवश्यकता है. उन्होंने साफ शब्दों में कहा की क्षेत्र की जनता उन्हें विधायक चुनाव लड़ने को कह रही है. सिमोन की माने तो वह चुनाव धन बल की जगह जन बल से लड़ेंगे. बताया कि अगर वह क्षेत्र में जीत कर आते हैं तो उनकी पहली प्राथमिकता सुदूरवर्ती गांव को मुख्य मार्ग से जोड़ना होगा. गांव जैसे अमवार,कसियाजोर, शामपुर, गुणगासा, कुरमन, अमरपुर आदि जो मुख्य मार्ग से नहीं जुड़ पाए हैं यहां सड़क निर्माण कराना उनकी प्राथमिकता सूची में रहेगी.
करेंगे पोड़ैयाहाट का समुचित विकास: सिमोन
सिमोन मरांडी ने कहा कि अगर विधानसभा क्षेत्र की जनता उन्हें स्तर पर जिता कर विधानसभा भेजती है तो निश्चित तौर पर वह क्षेत्र का विकास करेंगे उनका मानना है कि 90% कमाई लोगों की स्वास्थ्य और शिक्षा में खत्म हो जाती है. क्षेत्र में शिक्षा और स्वास्थ्य के दिशा में सुधार उनके पहले प्राथमिकता होगी जबकि किसानों के लिए वह हर संभव योजनाएं लाने का प्रयास करेंगे ताकि किसानों, मजदूरों की आय को दोगुनी की जा सके. इतना ही नहीं शिक्षा के सुधार हेतु आईटीआई कॉलेज, मॉडल कॉलेज तथा स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति को बढ़ाने में उनका विशेष योगदान होगा. बताया कि क्षेत्र में डॉक्टरों की घोर समस्या है इस समस्या के निपटारे हेतु वह विधानसभा में आवाज उठाएंगे. क्षेत्र में एएनएम जेएनएम सहित डॉक्टर की संख्या बढ़ाए जाने को लेकर अपना काम करेंगे.