रांची: राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस पर बुधवार को नामकुम स्थित आईपीएच ऑडीटोरियम में दीर्घायु जीवन के लिए आयुर्वेद विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया.
कार्यशाला की अध्यक्षता स्वास्थ्य सचिव डॉ नितिन मदन कुलकर्णी ने किया. कार्यशाला को संबोधित करते हुए डॉ नितीन कुलकर्णी ने आयुर्वेद में वर्णित दिनचर्या, ऋतुचर्या, आहार, विहार का अनुपालन करने पर विशेष बल दिया.
उन्होंने सभी को स्वस्थ रहिये-खुश रहिये का मंत्र दिया. डाॅ कुलकर्णी ने कहा कि आयुर्वेद स्वस्थ व्यक्तियों की स्वास्थ्य की रक्षा करता है और रोगियों को रोगों से मुक्त करता है.
साथ ही दीर्घायु जीवन प्रदान करता है. आयुर्वेद रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है, वनस्पति आधारित औषधियां, सहज-सुलभ एवं प्राकृतिक है.
आयुर्वेद में वर्णित स्वस्थवृत, सदवृत, आचार रसायन, दिनचर्या ऋतुचर्या का अनुपालन स्वस्थ समाज के लिए उपयोगी है.
मौके पर अभियान निदेशक शैलेष कमार चैरसिया द्वारा आयुर्वेद में अनुसंधान पर प्रकाश डाला गया. सभी पैथी में समन्वय स्थापित करने का अनुरोध किया गया.
उन्होंने दीर्घायु प्राप्ति हेतु आयुर्वेद में शास्त्रीय औषधीय महत्व एवं औचित्य पर एवं इसके वैज्ञानिक पहलुओं पर प्रकाश डाला गया.
उनके द्वारा बताया गया कि किस प्रकार आयुर्वेद इस जनमानस के लिए इसे आयुर्वेद का वरदाता माना है. इस दौरान आयुष निदेश्क डॉ मीरा चैधरी ने बताया कि सुखपूर्वक दीर्घायु हेतु आयुर्वेदोक्त दिनचर्या, ऋतुचर्या रात्रिचर्या, आहार, निन्द्रा, ब्रहमाचार्य का पालन अनिवार्य है.
इस अवसर पर चिकित्सा विभाग वाराणसी के एसोसिएट प्रोफेसर प्रो डॉ अजय कुमार पाण्डेय, बीएचयू दर्शनशास्त्र विभाग के व्याख्याता डॉ श्रीकान्त समेत अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे.