खास बातें:-
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आईपीएस अरूण उरांव ने भाजपा का दामन थाम सिसई विधायक दिनेश उरांव और गुमला विधायक शिवशंकर उरांव की बढ़ा दी है धड़कनें
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भवनाथपुर से अनंत प्रताप देव, बरही से अकेला यादव और बहरागोड़ा से समीर मोहंती की भी बढ़ गई है परेशानी
रांचीः प्रदेश भाजपा महामिलन के जरीए अपनी ताकत तो दिखा दी है. मिशन 65 प्लस की ओर लगातार आगे बढ़ भी रही है. लेकिन इस महामिलन का साइट इफेक्ट की भी संभावना जताई जा रही है. कांग्रेस और जेएमएम के हैवीवेट विधायकों का भाजपा में शामिल होना, पुराने भाजपाई के लिए परेशानी का सबब बन सकता है.
भाजपा में शामिल हुए विधायकों को उनके क्षेत्रों से टिकट मिलने की पूरी संभावना भी है. ऐसे में पहले से चुनाव की तैयारी कर रहे भाजपा नेताओं को झटका लग सकता है. आईपीएस अरूण ने भाजपा का दामन थाम कर विधानसभा अध्यक्ष सह सिसई विधायक दिनेश उरांव और गुमला विधायक शिवशंकर उरांव की धड़कनें बढ़ा दी है.
पार्टी सूत्रों के अनुसार इन दोनों में से किसी एक का पत्ता भी कट सकता है.
भवनाथपुर से अनंत प्रताप देव की भी मुश्किलें बढ़ी
नौजवान संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष सह भवनाथपुर विधायक भानू प्रताप शाही के भाजपा में शामिल होने से अनंत प्रताप देव की मुश्किलें बढ़ गई हैं. इसी तरह बरही से कांग्रेस विधायक मनोज यादव के बीजेपी में आने से अकेला यादव की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही हैं.
इसी तरह बहरागोड़ा से टिकट की आस में बैठे समीर मोहंती की भी परेशानी बढ़ गई है. वजह यह है कि बहरागोड़ा के वर्तमान विधायक कुणाल षाडंगी ने जेएमएम से नाता तोड़ कर बीजेपी का दामन थाम लिया है.
बीजेपी और आजसू में भी टसल की संभावना
लोहरदगा से कांग्रेस विधायक सुखदेव भगत ने बीजेपी का दामन थाम आजसू की चिंता बढ़ा दी है. आजसू नेता सह लोहरदगा के पूर्व विधायक कमल किशोर भगत अपनी पत्नी नीरू भगत को चुनाव में उतारने की तैयारी में है.
वहीं आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो ने स्पष्ट कर दिया है कि लोहरदगा आजसू की परंपरागत सीट है. इस पर आजसू लगातार दो बार चुनाव जीत चुकी है. हालांकि अब तक एनडीए में सीट शेयरिंग का फॉर्मूला तय नहीं हुआ है.
चंदनकियारी सीट पर भी फंस सकता है पेंच
एनडीए में चंदनकियारी भी हॉट सीट मानी जा रही है. इस सीट पर पिछली बार झारखंड विकास मोर्चा के अमर बाउरी ने जीत हासिल की थी. बाद में बाउरी पाला बदल कर बीजेपी में शामिल हो गए. बीजेपी में शामिल होने के बाद उन्हें कैबिनेट मंत्री भी बनाया गया.
इधर, आजसू ने कहा है कि यह सीट आजसू की है. पूर्व मंत्री उमाकांत रजक प्रमुख दावेदार हैं. पिछले चुनाव में उमाकांत रजक दूसरे नंबर पर थे. इस सीट को लेकर एनडीए में काफी माथापच्ची हो सकती है. अगर बीजेपी इस सीट को नहीं छोड़ती है तो उमाकांत रजक दूसरा आशियाना भी तलाश सकते हैं.